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हंसने के लिए कॉमेडी शो देखना जरूरी नहीं है आप इन फिल्मों के नाम पढ़ कर भी हंसी ठहाका लगा सकते हैं। इन फिल्मों के नाम में ही इतना कुछ रखा है कि फिल्म देखने की जरुरत ही नहीं है। आप नाम पढ़कर ही पूरा एन्जॉय कर सकते हैं।
अच्छा तो क्या करें आपका
अरे इसमें तो एसीपी प्रद्यूमन भी हैं, वही सीआईडी वाले
और करेजा पत्थर है... पत्थर
आप तो गलत समझने लगे, यहां सिर्फ त्योहार की बात हो
बिजली का नृत्य से क्या संबंध
ये कैसा नाम हुआ भाई...
चलती का नाम गाड़ी सुना था
आत्मा भटका करती थी, ये जवानी कब से भटकने लगी
दूल्हा भी खास महंगा नहीं दिख रहा है
इतनी लड़कियां फिल्म में थी क्या ?