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फिल्में सिर्फ तीन वजहों से चलती हैं एंटरटेनमेंट, एंटरटेनमेंट और एंटरटेनमेंट... और बॉलीवुड का मतलब ही है एंटरटेनमेंट। अब देखिए न इस एंटरटेनमेंट की दुनिया में हीरो तो 70 की उम्र में भी जवां, बांका छोरा हो लेता है, जबकि हीरोइनें जैसे ही 30 की उम्र पार करती हैं, मां बना दी जाती हैं।
अब राखी गुलजार को ही लीजिए। राखी का जन्म 15 अगस्त, 1947 को हुआ और आजादी की वर्षगांठ के इस मौके पर वो 71 साल की हो गईं। राखी उन चंद हीरोइनों में से हैं जो किसी भी रोल में फिट बैठ जाती थीं। अमिताभ बच्चन के साथ उनकी केमेस्ट्री सिल्वर स्क्रीन पर खूब जमी, लेकिन हद तो तब हो गई जब फिल्म में उन्हें बिग बी की मां का रोल दे दिया गया।
राखी भी जिगर वाली अदाकारा रहीं कि उन्होंने चैलेंज को भी स्वीकार कर लिया।
राखी मजूमदार से राखी गुलजार का सफर भी बड़ा रोचक है। 1967 में राखी ने बांग्ला फिल्म बधू बरन से सुनहरे पर्दे पर एंट्री मारी। राखी ने धर्मेंद्र के साथ फिल्म 'जीवन मृत्यु' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा और 1971 में उन्होंने बैक टू बैक तीन फिल्में देकर अपनी एक्टिंग का डंका बजा दिया।
लेकिन अब एंटरटेनमेंट की बानगी देखिए। फिल्म कभी कभी, मुकद्दर का सिकंदर, कसमे वादे और त्रिशूल फिल्म में अमिताभ की माशूका बनी राखी को फिल्मी करियर के महज दसवें साल में अमिताभ की मां बना दिया गया।
ये बॉलीवुड में ही हो सकता है कि मां अपने बेटे से दस साल छोटी हो। यानी शक्ति फिल्म में जब अमिताभ 45 के थे तब राखी 35 की थी। वैसे राखी और अमिताभ ने कुल मिलाकर 13 फिल्में साथ कीं.. कभी मां बनी कभी माशूका...बस ये लाज बॉलीवुड से कि उन्हें अमिताभ की बहन का किरदार नहीं दिया।
करन अर्जुन, बाजीगर, रामलखन वाली मां राखी को 71 वां जन्मदिन मुबारक हो।