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टिगुना लगान चुकाना परेगा... लगान फिल्म का ये डायलॉग सुनकर तन बदन में आग लग जाती है। मन करता है कि अंग्रेजों को हर जगह से खदेड़ कर भगा दो, लेकिन हम ये भूल जाते हैं जिस डायलॉग को सुनकर गुस्सा आ रहा है, उसे बोलने के लिए एक अंग्रेज ने हम हिंदुस्तानियों से पैसे लिए हैं। अंग्रेजी एक्सेंट में हिंदी बोलकर बहुत से फिरंगी कलाकार बॉलीवुड में अपनी दुकान चला चुके हैं। हालांकि अब वो ट्रेंड खत्म हो रहा है लेकिन एक वक्त था जब फिल्मों में विलेन के दोस्त अंग्रेज हुआ करते थे जोकि हिंदी बोलते थे।
ऐसे ही कुछ कलाकारों की फेरहिस्त हमने आज तैयार की है। इसमें वो कलाकार हैं… जो पैदाइशी विदेशी हैं, लुकवाइज फिरंगी दिखते हैं, हिंदी भी टूटी-फूटी बोलते हैं, लेकिन बॉलीवुड और छोटे पर्दे पर नाम और पैसा दोनों खूब कमाया है।
शक्तिमान वाले ‘गुरूजी’ तो याद होंगे… हां वहीं टॉम ऑल्टर। डिट्टो अंग्रेज दिखने वाले टॉम ने कई फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों में काम किया। फिल्म जुनून और टीवी सीरियल जुनून.. दोनों में इनकी खूब तारीफ हुई। 80-90 के बीच स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रहे, 3 किताबें भी लिखी। आजकल स्किन कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं। टॉम पर्दे पर पहली बार 1976 में फिल्म 'चरस' में एक चीफ कस्टम ऑफिसर के तौर पर दिखाई दिए थे। आखिरी बार पर्दे पर उन्हें 'रिश्तों के चक्रव्यूह' नाम के एक सीरियल में देखा गया था।
टॉम ऑल्टर का जन्म भारत के मसूरी में हुआ था लेकिन उनके माता पिता अमेरिकी मूल के थे। टॉम के दादा-दादी 1916 में भारत आए थे। टॉम का परिवार पहले चेन्नई पहुंचा फिर वहां से लाहौर चला गया। बंटवारे में उनका परिवार भी बंट गया। दादा-दादी पाकिस्तान में रह गए और टॉम के मां-बाप भारत में।
गोरा चिट्टा रंग और लंबी चौड़ी कद काठी के साथ बॉब जब फिल्मों में टूटी फूटी हिंदी बोलते थे, तो पब्लिक को बहुत मजा आता था। बॉब कई फिल्मों में विलेन के विदेशी मित्र, विदेशी अधिकारी या इंटरनेशनल डॉन दिख चुके हैं। बॉब का जन्म ऑस्ट्रेलिया के सिरका में हुआ था। वो परवीन बॉबी से मुलाकात करने हिंदुस्तान आए थे और यहीं के होकर रह गए। बॉब का असली नाम रॉबर्ट जॉन क्रिस्टो था, लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम बदल कर बॉब क्रिस्टो कर लिया। यहां की करीब 200 से ज्यादा फिल्मों में छोटे बड़े किरदार निभाए। फिल्म मिस्टर इंडिया में उनका सॉरी बजरंग बली वाला सीन तो आज भी सबके जहन में जिंदा है। साल 2011 में दिल की बीमारी की वजह से उनका निधन हो गया।
अगर आप बेन किंग्सले को नहीं पहचान पा रहे हैं तो आपको बता दें कि ये वहीं जनाब हैं जिन्होंने 1982 में महात्मा गांधी का किरदार फिल्म 'गांधी' में निभाया था। बेन किंग्सले का असली नाम कृष्ण पंडित भांजी है, इनके पिता गुजराती थे और मां इंग्लैंड की रहने वाली। किंग्सले के पिता शादी के बाद इंग्लैंड में ही रहने लगे। किंग्सले को ऑस्कर और ग्लोडन ग्लोब जैसे अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है।
फिल्म लगान के कैप्टन रसल तो याद होंगे, जो तिगुना लगान वसूलने की प्लानिंग किए बैठे थे। आमिर खान ने उन्हें रोमांचक मैच में मजा चखाया था। पॉल ने वो पहली फिल्म की थी। लगान में एक्टिंग के लिए उन्होंने 6 महीने हिंदी सीखी थी। इसके बाद उन्होंने अमेरिका में कई फिल्में और टीवी शोज किए।
80 और 90 के दशक में हर तीसरी फिल्म में दिखने वाले उस वक्त के इक्का दुक्का बॉडी बिल्डर्स में से एक गैविन पैकर्ड को तो आप पहचान ही गए होंगे। आईरिस मूल के गैविन पैकर्ड ने बॉलीवुड की सैकड़ों फिल्मों में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।