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श्रीदेवी की मौत की ख़बर ने आज बॉलीवुड और उनके फैंस ही नहीं बहुत लोगों के दिल पर बिजली गिरा दी।
बॉलीवुड की ये चांदनी चंद लम्हों में इस दुनिया से रुखसत हो गईं। श्रीदेवी ने हमेशा ही लोगों को चौंकाया। फिर चाहे रोल की बात हो या निजी जिंदगी की। उस दौर में श्रीदेवी ने जो छाप छोड़ी वो आज भी लोगों के दिल पर है। चाहे बात उनकी अदाकारी की हो या कॉमेडी के स्टाइल की या फिर संवाद अदायगी (डायलॉग डिलिवरी की। श्री देवी जैसा और कोई नहीं हुआ।
पढ़िए श्रीदेवी के चंद ऐसे ही डायलॉग जो सिर्फ वही बोल सकती थीं।
अंडरस्टैंड, यू बेटर अंडरस्टैंड... यह तकिया कलाम तो शायद ही कोई भूला हो।
सभी बड़े होते हैं.... मगर कोई अपने बड़ों से बड़ा नहीं होता
(लम्हे, 1991)
फूल प्यार की निशानी होती है और खुश्बू उसका अहसास
(राम अवतार, 1988)
सवाल के जवाब में सवाल नहीं किया जाता (लम्हे, 1991)
गलत और बहुत गलत में से चुनना हो तो आप क्या चुनेंगे
(मॉम 2017)
तुझे तो मैं ऑल इंडिया स्टार बनकर दिखाऊंगी
(चालबाज, 1989)
लड़कियां कपूर की तरह होती हैं... तीली लगी नहीं कि जलकर रोशनी देने लगती हैं....और तुम लड़के ट्यूबलाइट की तरह होते हो.... बहुत देर से जलते हो
(मि. बेचारा, 1996)
बड़ों के मुंह से निकली हुई गालियां... छोटों को दुआ बनकर लगती हैं... जो बड़ों की डांट खाता है... वो जिंदगी की ठोकरें नहीं खाता (घर संसार, 1986)
अगर आप लोग मेरा साथ छोड़कर गए.... तो जिंदगी आप लोगों का साथ छोड़ देगी
(आर्मी, 1996)
जीवन के किस मोड़ पे, कब कोई मिल जाए; कौन कह सकता है।
(चांदनी, 1989)