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तापसी पन्नू ने अपनी नई फिल्म 'नाम शबाना' के प्रमोशन के सिलसिले में एक इंटरव्यू में अपने करियर से जुड़ी हुई कई सारी बातें बताईं। तापसी ने कभी किसी फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन नहीं किया और इसके पीछे उनके पास एक बढ़िया तर्क है। वो कहती हैं कि उन्हें नहीं लगता कि किसी की त्वचा का रंग ये तय कर सकता है कि वो कितना सफल होगा।
उन्होंने ये भी बताया कि जब वो साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में थीं तो कई बार उन्हें इसलिए कई फिल्मों से हाथ धोना पड़ा क्योंकि वो बहुत ज़्यादा गोरी थीं। वो किसी भी आम दक्षिण भारतीय लड़की की तरह नहीं लगतीं इसीलिए उन्हें अपने गोर रंग का कभी कोई फ़ायदा नहीं मिला।
तापसी से जब पूछा गया कि जो मार्शियल आर्ट उन्होंने इस फिल्म के लिए सीखा है, क्या उसका प्रयोग उन्हें कभी अपनी ज़िंदगी में भी करना पड़ा? इसपर उन्होंने बताया कि सेल्फ डिफेंस सीखने के बाद से तो उन्हें इसकी ज़रूरत नहीं पड़ी लेकिन उन्हें लगता है कि अगर स्कूल के दिनों में उन्हें सेल्फ डिफेंस की ट्रिक्स आतीं तो वो कइयों को सबक सिखा चुकी होतीं।
तापसी ने कहा कि उनके लिए ये किरदार निभाना इसलिए कठिन नहीं था क्योंकि उन्हें शारीरिक दिक्कत हुई बल्कि उन्हें एक मज़बूत किरदार की मनः स्थिति को समझने में काफी दिक्कत हुई। तापसी ने कहा कि मैं हमेशा से ही एक स्पोर्ट्स पर्सन रही हूं इसलिए मुझे स्टंट करने में दिक्कत नहीं हुई, लेकिन ये किरदार मुझसे पूरी तरह अलग है।
साथ ही तापसी ने कहा कि अगर आपको कोई करता है, मसलन सोशल मीडिया पर, तो उसकी बेकार बातें सुनने और बहस करने के बजाये तुरंत उसे ब्लॉक कर देना चाहिए क्योंकि ऐसे लोगों के पीछे अपना समय बर्बाद करने का कोई फ़ायदा नहीं होता।