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केरल के होटल सबरीना में भूखे बच्चों को खाना खिलाने वाले शख्स की कहानी सोशल मीडिया में बहुत वायरल हो रही है। इसकी वजह ये थी कि भूखे बच्चों को खाना खिलाने के बाद जब उस शख्स ने होटल का बिल देखा तो उसकी आंखे भर आईं क्योंकि बिल में अमांउट की जगह लिखा था कि 'हमारे पास कोई ऐसी मशीन नहीं जो इंसानियत का बिल बताती हो' - आप सदैव खुश रहें'।
...लेकिन लगता है यहां तो माजरा ही कुछ और है, इंटरनेट पर आ रहीं खबरो के अनुसार जब केरल के होटल सबरीना के स्टाफ से बात की गई तो पता चला कि उस होटल के कैशियर तो क्या किसी को इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इससे भी चौंकाने वाली बात तो तब हुई जब खाने खिलाने वाले शख्स जिसका नाम अखिलेश कुमार बताया जा रहा था उनसे बात हुई।
अखिलेश दुबई में एक इंजीनियर हैं। उन्होंने बताया कि ये घटना अभी की नहीं 2013 की है जब वो केरल में रहते थे, और ये होटल उनके घर के नजदीक ही हुआ करता था। तब उन्होंने दो भूखे बच्चों को खाना खिलाया था और ये कहानी तो उन्होंने 2013 में ही लिख ली थी, लेकिन शेयर इसे अभी किया है।
बिल की असलियत
अखिलेश ने बिल की बात पर बताया कि वो जो बिल जिस पर मानवता नापने की मशीन वाली बात लिखी थी वो फेक थी। उसने गूगल से होटल सबरीना के ऐसे ही किसी बिल की फोटो डाउनलोड की, जिस पर ज्यादा कुछ लिखा हुआ दिख ना रहा हो, और उस पर 'हमारे पास कोई ऐसी मशीन नहीं जो इंसानियत का बिल बताती हो' - आप सदैव खुश रहें' लिख दिया। फिर इसकी फोटो ली और अपनी पोस्ट के साथ अपलोड कर दिया। होटल का असली बिल तो उनसे कब का गुम चुका था। और क्योंकि यह बात 2013 की थी तो इस बात में कोई आश्चर्य नहीं कि होटल वालों को ऐसी कोई घटना याद नहीं है।
जो भी हो, इसी बहाने 2013 की इस कहानी से 2016 में मानवता की एक प्यारी कहानी ने लोगों को कुछ तो सिखाया ही होगा।