साल 1966 में फिल्म आई थी 'मेरा साया' रिलीज हुई। सुनील दत्त और साधना के अभिनय को लोगों ने खूब सराहा। लेकिन आशा भोसले की आवाज में फिल्म के लिए गाया गया झुमका गिरा रे गीत इतना पॉपुलर हुआ कि बरेली शहर झुमकों के लिए मशहूर हो गया। इतने लंबे इंतजार के बाद बरेली को फाइनली झुमका मिल गया है।
बरेली में एनएच 24 पर जीरो पॉइंट पर झुमका तिराहा बनाया गया है, जहां एक विशाल झुमका लगाया गया है। कहा जाता है कि बीडीए के पास इस झुमके को बनाने के लिए पर्याप्त पैसा नहीं था तो बरेली के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. केशव ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया। इसके बाद शनिवार को इस तिराहे का उद्घाटन कर दिया गया।बरेली की सीमा पर स्थापित हुआ झुमका करीब दो सौ मीटर दूर से लोगों को नजर आएगा।
पिछले साल जुलाई-अगस्त में दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर परसाखेड़ा में जीरो प्वाइंट पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. केशव ने बीडीए के लिए झुमका चौराहे का निर्माण शुरू कराया था।हाल ही में निर्माण पूरा होने के बाद शनिवार को इसके लोकार्पण का कार्यक्रम तय किया गया था, लेकिन शुक्रवार को एक ठेकेदार ने यह शिकायत करके सनसनी फैला दी कि उसे झुमके का पेमेंट नहीं किया गया है।
हालांकि बाद में साफ हुआ कि उसे इसका ठेका ही नहीं दिया गया था। हालांकि शनिवार को यह ठेकेदार नजर नहीं आया।शाम करीब छह बजे केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने फीता काटकर और दीप प्रज्ज्वलित करके झुमका चौराहे का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि झुमका चौराहे के बाद शहरवासियों को जल्द ही हवाई सेवा का भी तोहफा मिलेगा।डॉ. केशव अग्रवाल ने शहर को पहचान दिलाने वाले इस चौराहे के निर्माण के लिए बीडीए की सराहना की। कहा, 2.70 क्विंटल वजनी झुमका पीतल और तांबे से तैयार कराया गया है।
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