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Love Story Of A Lawyer And Accused Murderer
वकील साहिबा ने किया ऐसा प्यार कि अब गृह मंत्रालय से लगा रहीं बार-बार गुहार
टीम फिरकी, नई दिल्ली
Published by: Ayush Jha
Updated Wed, 23 Oct 2019 03:04 PM IST
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- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
प्यार करते वक्त इंसान के जहन में कुछ नहीं आता। बस भावनाओं में बहकर वो इश्क कर बैठता है लेकिन इसके नुकसान बाद में नजर आते हैं। प्यार अच्छे-अच्छों को अंधा कर देता है फिर वकील साहिबा इससे कैसे बच सकती हैं? इन्होंने तो ऐसा गजब का प्यार किया कि अब गृह मंत्रालय फैसला करेगा कि वकील साहिबा अपने पति के साथ रह पाएंगी या नहीं।
हम आपको सुना रहे हैं अजब प्रेम की एक ऐसी गजब कहानी, जो न आपने सुनी होगी और न देखी होगी। प्रेम विवाह किया, लेकिन रहना पड़ रहा अलग-अलग। गैर इरादतन हत्या के मामले में सजा पूरी कर अफगानिस्तान डिपोर्ट किए गए व्यक्ति को वापस लाने के लिए उसकी वकील पत्नी ने भारत सरकार से गुहार लगाई है।
जेल की सजा की अवधि के दौरान अफगानी नागरिक एहसानुल्लाह का प्यार परवान चढ़ा था और उसने अपनी वकील से निकाह कर लिया था। अब वकील पत्नी ने गृह मंत्रालय से अपने शौहर को वापस भारत आने देने की अनुमति देने की अपील की है। एहसानुल्लाह पर उसके साथी अफगानी नागरिक की हत्या का आरोप था।
इस मामले में चंडीगढ़ ट्रायल कोर्ट ने उसे दोषी करार दे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इस सजा के खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अपील की थी। हाईकोर्ट ने इसे गैर इरादतन हत्या मान सजा को घटा कर 5 वर्ष कर दिया था। हाईकोर्ट ने एहसानुल्लाह को सजा पूरी करने के बाद अफगानिस्तान डिपोर्ट करने के आदेश दिए थे।
लेकिन सजा काटते हुए ही एहसानुल्लाह को महिला वकील से प्यार हो गया और इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने से 5 साल बड़ी महिला से शादी की अनुमति मांगी। हाईकोर्ट के आदेश पर पुलिस की निगरानी में दोनों की शादी हुई। लेकिन अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया, क्योंकि रजिस्ट्रार मैरिज ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत साथ रहने की शर्त पूरी न होने के चलते शादी को रजिस्टर करने से इनकार कर दिया।
इसी बीच एहसानुल्लाह को डिपोर्ट कर दिया गया। इसके चलते अब वकील पत्नी ने अपने पति को भारत वापस लाने के लिए कानूनी लड़ाई शुरू कर दी है। जहां एक ओर गृह मंत्रालय से पति को वापस लाने की मंजूरी मांगी है तो दूसरी ओर शादी के पंजीकरण की अनुमति दिए जाने के लिए हाईकोर्ट से अपील की गई है जो फिलहाल लंबित है। महिला वकील ने कहा कि वह भारतीय है और उसका पति उसके साथ रहे, यह उसका हक है। हाईकोर्ट के आदेश का पालन हो चुका है और ऐसे में अब उसके पति को उसके पास आने देने की अनुमति दी जानी चाहिए। अब केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मामले में कैसा रुख अपनाता है, इस पर दोनों का रिश्ता निर्भर करेगा।
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