सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने पर सरकार बहुत जोर दे रही है लेकिन लोगों के दिमाग में यह बात घुस ही नहीं रही है इसलिए अब ऐसे ही लोगों के लिए रेलवे ने एक रास्ता निकाला है। दक्षिणी रेलवे सिग्नल एंड टेलीकम्यूनिकेशन के इंजीनियरों ने सोशल डेस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए एक डिवाइस बनाई है।
अगर आप ट्रेन में बैठे हैं और पड़ोस के गांव वाले चचा से आपको हाल चाल लेना है तो तनिक दूरी बना कर रखिएगा क्योंकि ऐसा नहीं करने पर रेलवे का पपिहरा बोल उठेगा और चिल्ला-चिल्ला कर बताएगा कि आप सामाजिक दूरी के नियमों को ताक पर रख रहे हैं।
इस यंत्र की खास बात ये है कि अगर दो डिवाइस एक दूसरे से तीन मीटर की दूरी से कम के दायरे में चले आते हैं तो अलार्म बजने लगता है। इससे यह पता चल जाता है कि सोशल डिस्टेंसिंग बनानी है। डिवाइस जेब या पर्स में फिट हो सकता है और कलाई घड़ी के साथ भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका वजन लगभग 30 ग्राम है।
अलार्म बजते ही ये समझ आ जाता है कि नजदीकी बढ़ गई है और दूर जाने की जरूरत है। काम करने की जगह जैसे ऑफिस, फैक्ट्री आदि में ये डिवाइस बड़े काम की चीज साबित हो सकता है। डिवाइस को चार्जर की मदद से चार्ज किया जा सकता है। एक बार चार्ज करने के बाद, यह बारह घंटे से अधिक समय तक काम करेगा।
यह पहली बार नहीं है कि रेलवे ने कोई खास डिवाइस बनाई है। इससे पहले रेलवे ने एक रोबोट कैप्टन अर्जुन पेश किया था, जो यात्रियों की स्क्रीनिंग करता था। इस रोबोट में कैमरा लगा होता है, जिससे वह थर्मल स्क्रीनिंग करता है और अगर किसी का तापमान अधिक होता है तो तुरंत सजग भी कर देता है।
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सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने पर सरकार बहुत जोर दे रही है लेकिन लोगों के दिमाग में यह बात घुस ही नहीं रही है इसलिए अब ऐसे ही लोगों के लिए रेलवे ने एक रास्ता निकाला है।