विस्तार
युवराज सिंह ने टीम इंडिया के लिए एक-दो नहीं, बल्कि कई यादगार इनिंग्स खेली हैं। न सिर्फ बल्ले से, मगर बॉल से भी युवराज उतने ही खतरनाक है। ‘पंजाब का पुत्तर’ टीम में वापसी की पुरजोर कोशिश कर रहा है।
वक्त के साथ युवराज की परफॉर्मेंस की धार और तेज होती गई। इतनी तेज कि युवराज ने भारत को तीन विश्व कप दिलाए। जी हां,
2000 का अंडर-19 वर्ल्ड कप, 2007 का टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 का वर्ल्ड कप, तीनों में युवराज भारत के टॉप परफॉर्मर रहे। 2000 और 2011 में तो उन्हें
‘मैन ऑफ द सीरीज’ भी घोषित किया गया।
कैंसर से जीत कर मैदान में लौटे युवी को 2014 में टी-20 विश्व कप में काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। हालांकि उन्होंने कभी हार नहीं मानी, और अपने आप में ही वो इस बात का सबूत हैं।
युवराज और क्रिकेट फैन्स के लिए आज हम लाए हैं एक खास पेशकश, जहां 12 नंबर की जर्सी पहनने वाले युवी की वन-डे और टी-20 की 12 बेस्ट इनिंग्स हैं:
कैंसर के बाद अपने
‘कमबैक’ में युवराज ने पाकिस्तानी गेंदबाजों कि धज्जियां उड़ा दीं। सईद अजमल की स्पिन हो या मोहम्मद इरफान की यॉर्कर, युवी ने किसी को नहीं बक्शा।
कमर दर्द से जूझ रहे युवी ने अपनी सारी खीझ अंग्रेज गेंदबाजों पर निकाली। 125 मिनट में पंजाबी शेर ने 16 चौके और 6 छक्के जड़ दिए।
अपनी डेब्यू सीरीज में 18 साल के युवराज ने ग्लेन मैक्ग्रा सरीखे गेंदबाजों की जम कर खबर ली।
ICC के
‘KnockOut Tournament’ इस नौजवान खब्बू बल्लेबाज देख कर दर्शक दंग रह गए।
नैटवेस्ट सीरीज के इस फाइनल मैच को कौन भूल सकता है भला। मोहम्मद कैफ के साथ मिलकर युवराज ने न सिर्फ टीम की संकट से निकाल कर जीत दिलाई, बल्कि हार न मानने वाली
‘नई टीम इंडिया’ के दम का पहला अध्याय भी लिखा।
खराब फॉर्म से जूझ रहे युवी के लिए यह बहुत बड़ी इनिंग्स थी। कोच ग्रेग चैपल की आलोचनाओं को झेल रहे युवराज ने गर्मी और उमस भरे मौसम में शतक जड़ कर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया।
5 मैचों की सीरीज के आखिरी मैच में युवराज ने धैर्य और आक्रमकता दोनों का जवाब दिया। द्रविड़ की कप्तानी में 4-1 से सीरीज जीतने में युवी का यह शतक भारत की ओर से करारा जवाब था।
राजकोट में 138 रन बनाने के बाद युवी की रनों की भूख और बढ़ गई। लगातार दूसरे मैच में शतक ठोकने के बाद युवराज ने गेंद से भी अंग्रेजों को खूब नचाया। मैच में चार विकेट लेकर युवराज में अपना दम एक बार फिर दिखाया।
विश्व कप का मैच हो, सामने
‘कंगारू’ हों और युवराज अपने जलवा न दिखाएं, ऐसा तो हो नहीं सकता। बीमारी में भी अपनी तूती कायम रखने वाले युवराज ने ऐसी ‘छलांग’ मारी कि क्वाटर फाइनल में ही ऑस्ट्रेलिया का सफर खत्म हो गया।
पहले टी-20 वर्ल्ड कप का सेमी-फाइनल आपके जहन में आज भी याद होगा। अपने जरा से
‘फ्लिक’ से 119 मीटर लंबा सिक्स मारने वाले युवी ने 30 गेंदो में मैच का पासा ही पलट दिया। इसके अलावा फील्डिंग में भी ‘मिस्टर क्रिकेट’ माइकल हसी का कैच भी लपका।
क्रिकेट के इतिहास में दर्ज इस मैच को भला भूल ही कौन सकता है? स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ही ओवर में
6 छक्के जड़ने वाले युवी अंग्रेजी टीम पर तूफान बन कर टूटे। इस
‘शेर’ ने फ्लिंटॉफ की
‘सजा’ ब्रॉड को जल्लाद की तरह दी।
35 रन पर 5 विकेट गिरने के बाद क्रिकेट प्रेमियों की आस टूट सी गई थी। मगर युवराज ने एक मोर्चा संभाले रखा और हैदराबाद की मुश्किल पिच पर शतकीय पारी खेली। इस दौरान युवी ने तीन सेंचुरी मारी और तीनों ही दबाव में आईं। हालांकि भारत यह मैच हार गया था।
22 साल के युवराज में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धैर्य, सब्र और अटैकिंग बैटिंग जो नजारा पेश किया। वीवीएस लक्ष्मण के साथ स्ट्राइक रोटेट कर उन्होंने तेज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की जमकर खबर ली। बारिश के चलते 34-ओवर में ऑस्ट्रेलिया को 225 रन का लक्ष्य मिला, जो उसने एक गेंद शेष रहते हासिल भी कर लिया, मगर मैच के स्टार युवराज से कोई स्पॉटलाइट नहीं छीन सका।
उम्मीद है कि इस साल युवराज नैश्नल टीम में वापसी कर हमें खूब
‘एंटरटेन’ करेंगे।
Happy Birthday Yuvraj... We Love you..!!
जाते-जाते देखिए युवराज के वो 6 छक्के, जो ब्रॉड को सपनों में आज भी डराते होंगे...
https://youtu.be/RbkexvNEgTE