कोई काम जल्दी कराना हो तो टेबल के नीचे आदान-प्रदान की व्यवस्था हमारे देश में अति उत्तम मानी जाती है। वैसे तो रिश्वत लेना और देना दोनों ही महापाप की श्रेणी में आते हैं लेकिन जनाब पैसों से भला मोह किसे नहीं। हालांकि, हाल ही में आई रिपोर्ट आत्मसम्मानियों का दिल थोड़ा सा खुश कर सकती है।
जी हां, एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल पिछले कई सालों के मुकाबले कम रिश्वत ली गई है। अब आपका सीना गर्व से फूल रहा होगा कि चलो अब देश में भ्रष्टाचार कम हो रहा है। लोग रिश्वत अब कम लेने लगे हैं भले 10 प्रतिशत ही सही। लेकिन जनाब जरा सिक्के के दूसरे पहलू पर भी तो नजर डालिए।
देश की अर्थव्यवस्था राम भरोसे है, जीडीपी के स्तर को तो जैसे सांप-सीढ़ी के 99 वाले सांप ने डंस लिया हो। नौकरियां बची नहीं, जिनकी है भी है वो ओवरटाइम करके भुगते पड़े हैं। तो भइया जेब में धेला ही नहीं है तो अनाज कैसे खरीदें।
आइए अब जरा विस्तार से खबर की तरफ नजरें गड़ाते हैं- वित्त वर्ष 2019 में देश के 20 राज्यों में भ्रष्टाचार 10 फीसदी कम हुआ है। इंडिया करप्शन सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी कार्यों में रिश्वतखोरी पर कुछ हद तक लगाम लग गई है।
सर्वे में 248 जिलों के 1,90,000 लोगों से भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को लेकर के सवाल पूछने पर 51 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में एक बार रिश्वत जरूर दी है। इस सर्वे को ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया ने किया था। यह एक गैर राजनीतिक, स्वतंत्र और गैर सरकारी भ्रष्टाचार रोधी संगठन है। देखिये अब जो भी हो भ्रष्टाचार तो कम हुआ है ना, हमारे लिए इतना सुकून काफी है।