बचपन से जवानी की और लौटना एक अच्छा अनुभव होता है, लेकिन दुनिया में कई ऐसे समाजों में खासकर आदिवासी समाजों में आज भी जवान होने का दर्जा प्राप्त करने के लिए कई खतरनाक, दर्दनाक और विचित्र परम्पराओं से गुजरना पड़ता है।
इनको सफलतापूर्वक पास करने के बाद ही उन्हें जवान होने का दर्जा देकर जवानों की मुख्य धारा में शामिल किया जाता है। ये इतनी खतरनाक होती है कि देखने वाले की रूह कांप जाएं। हम आपको 10 ऐसी ही परम्पराओं के बारे में बताएंगे जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे और विश्वास नहीं कर पाएंगे की आज भी ऐसा होता है क्या।
1. दुश्मन की बलि चढ़ाना (एज़टेक जनजाती)
बलि चढ़ाने की परम्परा पर वैसे तो बहुत पहले ही रोक लग चुकी है, लेकिन इस जनजाती में आज भी बलि दी जाती है वो भी किसी जानवर की नहीं बल्कि इंसान की। दरअसल एज़टेक साम्राज्य में 17 वर्ष के लड़कों को युद्ध क्षेत्र के लिए तैयार रहने के लिए परीक्षण पर भेज दिया जाता था। उनका यह परीक्षण तब तक पूरा नहीं होता था जब तक कि वे अपने किसी दुश्मन की बलि चढ़ा सकने में कामयाब नहीं हो जाते।
2. खतरनाक ‘बुलेट आंट’ से खुद को कटवाना (सतेरे-मो जनजाती)
ये दर्दनाक पर्था आज भी सतेरे-मो नामक जनजाति के लोगों में चलती है। ये लोग एक अजीबोगरीब परंपरा को निभाते आ रहे हैं, जिसे पूरा करने के बाद ही व्यक्ति खुद को वयस्क कह सकता है।
इस जनजाति के लोग लड़कों को एक खतरनाक कीड़े-मकोड़ों (बुलेट आंट) से भरा दस्ताना पहनाते हैं। अगर संबंधित लड़का उस दस्ताने को बिना किसी परेशानी या दर्द के दस मिनट तक पहनकर रखता है तो वह वयस्क कहलाता है। लेकिन यदि वो बुलेट आंट के काटने से होने वाले दर्द के कारण रो देता है तो उसे वयस्क नहीं माना जाता है।
बुलेट आंट के कारण बहुत तेज दर्द होता है। 10 मिनिट तक इन चीटियों से कटवाने के बाद हाथ कई दिनों के लिए सूज जाता है। इन चिटीयों के काटा किसी गोली लगने के दर्द से भी कहीम गुना ज्यादा दर्दनाक होता है।
3. शेर का शिकार (मसाई जनजाती)
इस समुदाय की परम्परा तो सबसे ही अलग है। दरअसल मसाई जनजाति के लोग तब तक वयस्क नहीं कहलाते है जब तक वो एक शेर का शिकार न कर लें।ये एक खतरनाक परम्परा भी है क्योंकि शेर का शिकार करना कोई आम बात नहीं होती।
4. चेहरे पर कई टैटू बनवाना (फुलानी जनजाती)
टैटू फैशन माना जाता है और चलन में भी है, लेकिन आपके बता दे की टैटू बनवाना कोई आसान काम नहीं है, इसमें बेहद दर्द होता है। और सोचिए अगर आपको ये टैटू अपने हाथ या कमर पर नहीं बल्कि चेहरे पर बनवाना पड़े तो। दरअसल पश्चिमी अफ्रीका की फुलानी जनजाति की महिलाओं को युवावस्था के पड़ाव को पार करने के लिए अपने चेहरे पर भिन्न-भिन्न प्रकार के टैटू बनवाने पड़ते हैं। ये टैटू इस बात का प्रमाण होते हैं कि संबंधित महिला वयस्क हो चुकी है।
5. बहुत बड़ी उम्र की स्त्री के साथ संभोग (युनानी परम्परा)
ये एक बेहद ही आजीब परम्परा है। प्राचीन यूनान में यह परंपरा थी कि मिलिट्री में आने से पहले किसी भी युवक को अपने से उम्र में बहुत बड़ी महिला के साथ शारीरिक संबंध स्थापित करने होते थे।
6. चार दिन तक लगातार जागना (मदान जनजाती)
इंसान सबकुछ बर्दास्त कर सकता है, लेकिन उसके लिए सोना बेहद जरूरी है, ये उसके बर्दास्त के बाहर है। दरअसल एक आदिवासी जनजाती है मदान जिसकी परम्परा कुछ ऐसी ही है। मदान जनजाति के युवक केवल तभी योद्धा कहलाए जा सकते हैं जब उन्हें चार दिन का व्रत रखने और एक मिनट के लिए भी ना सोने के पश्चात उनकी छाती से एक तार निकालकर उन्हें छत से टांग दिया जाता है। अगर वे इस कसौटी को सफलतापूर्वक पार जाते हैं तो वे योद्धा कहलाते हैं।
7. शैतानी शक्ति को शरीर में प्रवेश करवाना (ओज़िक जनजाती)
ये एक बेहद ही ड़रावनी परम्परा है। केन्या की ओज़िक जनजाति के लोग आज भी एक रहस्यमय रिवाज को अपनाते हैं। वे युवावस्था में कदम रख रहे लड़के या लड़की के शरीर को पूरी तरह से क्ले में ढककर रखते हैं। इसके बाद उनके अनुसार कोई शैतानी शक्ति उनके शरीर में प्रवेश कर जाती है। जब तक वे उस शैतानी शक्ति की आवाज को निकालने में कामयाब नहीं हो जाते तब तक वे वयस्क नहीं कहलाते।
8. बचपन की यादों को खत्म करना (अल्गोंक़ुइन जनजाती)
जवान होने के लिए तो यहां तो बचपन की यादें ही दिमाग से मिटा दी जाती है। विलुप्त होने की कगार पर पहुंच चुकी भारतीय जनजाति अल्गोंक़ुइन के लोग एक बेहद अजीब परंपरा को निभाते हैं। इस समाज में किसी व्यक्ति के वयस्क होने पर उसको एक पिंजरे में रखकर एक विशेष ड्रग देते हैं। इस ड्रग को लेने के कुछ दिनों बाद व्यक्ति अपने बचपन की किसी भी याद को संजोकर नहीं रख पाता।
9. परिवार और समाज में लोगों के सामने निर्वस्त्र होना (हमार जनजाती)
ये थोड़ी विचित्र परम्परा है और इथोपिया के हमार जनजाति के लोगों की यह प्रथा थोड़ी शर्मिंदा करने वाली भी है क्योंकि इसमें संबंधित व्यक्ति को अपने परिवार के सामने नग्नावस्था में उपस्थित होना पड़ता है। उसके बाद उसे काली गायों के ऊपर से गुजरना पड़ता है। इसके बाद ही उन्हें विवाह करने की अनुमति मिलती है।
10. खतना करना
आपने खतना की परम्परा के बारे में तो सुना ही होगा दरअसल इस्लाम धर्म में पुरुषों का खतना करने की परंपरा है लेकिन मध्यपूर्व और एशिया के बहुत से ऐसे देश हैं जहां युवा होते ही लड़कियों का भी खतना किया जाता है। यह बेहद खतरनाक और घातक प्रक्रिया है लेकिन इसे एक परंपरा के तौर पर सदियों से अपनाया जा रहा है। इसमें होने वाल दर्द असहनीय होता है।
Photo Credit: AjabGjab.com
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