Home Facts Holi 2023 Interesting Facts Why Do People Drink Bhang On Holi In Hindi

Holi 2023: होली पर क्यों पीते हैं भांग की ठंडाई, जानिए कैसे शुरू हुआ यह चलन

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: ज्योति मेहरा Updated Fri, 03 Mar 2023 01:29 PM IST
सार

क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर होली पर भांग क्यों पी जाती है? जबकि इस त्योहार का शिव जी से सीधे तौर पर कोई संबंध भी नहीं है। तो फिर यह चलन आखिर कब और कैसे शुरू हुआ। आइए हम आपको बताते हैं।

विज्ञापन
होली पर क्यों पीते हैं भांग की ठंडाई
होली पर क्यों पीते हैं भांग की ठंडाई - फोटो : istock
विज्ञापन

विस्तार

Why Do People Drink Bhang On Holi: होली हिंदुओं का सांस्कृतिक,धार्मिक और पारंपरिक त्योहार है। रंगों के इस त्योहार को स्वादिष्ट पकवानों के साथ मनाया जाता है। वहीं जब तक होली में भांग न हो होली पूरी नहीं मानी जाती है। आमतौर पर लोग महाशिवरात्रि के मौके पर भांग को प्रसाद के तौर पर पीते हैं। वहीं होली के मौके पर भी भांग की ठंडाई पीकर लोग त्योहार का जश्न मनाते हैं, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर होली पर भांग क्यों पी जाती है? जबकि इस त्योहार का शिव जी से सीधे तौर पर कोई संबंध भी नहीं है। तो फिर यह चलन आखिर कब और कैसे शुरू हुआ। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं आइए जानते हैं। 

यह है इसके पीछे की वजह
होली के दिन भांग पीने के पीछे एक पौराणिक कथा है, जो भगवान विष्णु और शिव जी से ताल्लुक रखती है। बताया जाता है कि होली से आठ दिनों पहले हिरण्यकश्यप नामक राक्षस ने अपने पुत्र प्रहलाद को खूब सताया था। जब फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि में बैठी थी तो प्रहलाद का बाल भी बांका नहीं हुआ था, क्योंकि वह भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था, इसलिए प्रहलाद की भक्ति जीत गई और होलिका जलकर भस्म हो गई थीं। इसके बाद भी  जब हिरण्यकश्यप नहीं माना और उसने प्रहलाद को मारने का प्रयास किया तो उसकी जान बचाने के लिए भगवान विष्णु ने खुद नरसिंह रूप धारण कर हिरण्यकश्यप का वध किया। लेकिन इसके बाद भी विष्णु जी का क्रोध शांत नहीं हो रहा था। ऐसे में शिव जी ने शरभ अवतार (आधे शेर और आधे पक्षी का स्वरूप) लिया और विष्णु भगवान के नरसिंह अवतार को परास्त कर दिया। इसके बाद नरसिंह भगवान का क्रोध शांत हुआ और उन्होंने अपना छाल शिव जी को आसन रूप में अर्पित कर दिया।

इस सब के बाद कैलाश पर शिव गणों द्वारा उत्सव मनाया गया। इस दौरान सभी ने भांग पीकर मतवाले होकर नृत्य किया। तब से होली में भांग पीने का चलन शुरू हो गया। यही वजह है कि आज भी लोग भांग की ठंडाई पीकर गानों की धुन पर मतवाले होकर डांस करते हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree