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Interesting Facts: दूसरों के बजाए खुद को गुदगुदी करने पर क्यों नहीं आती हंसी? जानिए इसके पीछे का विज्ञान

टीम फिरकी, नई दिल्ली Published by: ज्योति मेहरा Updated Tue, 07 Mar 2023 01:13 PM IST
सार

आपने गौर किया होगा कि जब कोई और आपको गुदगुदी करता है तो आपको खूब हंसी आती है, जो एक नेचुरल रिएक्शन है। लेकिन अगर हम खुद को गुदगुदी करने की कोशिश करते हैं तो हमें जरा भी हंसी नहीं आती है। आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है।

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खुद को गुदगुदी करने पर क्यों नहीं आती हंसी?
खुद को गुदगुदी करने पर क्यों नहीं आती हंसी? - फोटो : istock
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विस्तार

Why Can't You Tickle Yourself: बचपन में आपने एक दूसरे को गुदगुदी करने का खेल जरूर खेला होगा। हर इंसान के शरीर में ऐसे हिस्से होते हैं, जहां सबसे ज्यादा गुदगुदी महसूस होती है। किसी को पेट पर गुदगुदाने से अधिक हंसी आती है, तो किसी को गले पर होती है। कुछ लोगों को तो इतनी ज्यादा गुदगुदी होती है कि अगर उनकी तरफ गुदगुदी करने के लिए हाथ भी बढ़ाया जाए तो वह हंसने लगते हैं। आपने गौर किया होगा कि जब कोई और आपको गुदगुदी करता है तो आपको खूब हंसी आती है, जो एक नेचुरल रिएक्शन है। लेकिन अगर हम खुद को गुदगुदी करने की कोशिश करते हैं तो हमें जरा भी हंसी नहीं आती है। क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है? दूसरों के बजाए खुद को शरीर के किसी भी हिस्से पर गुदगुदी करने पर हमें हंसी क्यों नहीं आती है। आज हम आपको इसी के पीछे का कारण बताने जा रहे हैं।

क्यों होती है गुदगुदी?
खुद से गुदगुदी करने पर हंसी नहीं आने के कारण के पीछे भी विज्ञान का हाथ है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, गुदगुदी के दौरान हमारी प्रतिक्रिया खुद को सुरक्षित रखने की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जब कोई हमें अचानक गुदगुदी करता है तो हमारा शरीर एक तरह से पैनिक हो जाता है और हमें गुदगुदी का असहज होता है। इसी वजह से हम बेकाबू होकर हंसना शुरू कर देते हैं। वहीं अगर हमें पता भी है कि कोई हमें गुदगुदी करने वाला है तब भी किसी के छूने का डर ही हमें हंसा देता है। यही कारण है कि कुछ लोग गुदगुदी करने से पहले ही हंसना शुरू कर देते हैं।

खुद को गुदगुदी करने पर क्यों नहीं आती हंसी?
दरअसल इसके पीछे का विज्ञान सरप्राइज से जुड़ा है। जब कोई हमें गुदगुदी करता है तो हमारा दिमाग उसके लिए पहले से तैयार नहीं रहता है। रिसर्चर्स के मुताबिक, हमारा दिमाग किसी भी एक्शन को हमारे द्वारा फील करने के लिए ट्रेंड होता है। जब हम खुद को गुदगुदी करते हैं तो हमारा दिमाग यह चीज पता लगा लेता है कि हमारा हाथ हमें गुदगुदी करने जा रहा है। इसके लिए दिमाग हमें तैयार कर लेता है और हमें हंसी नहीं आती है। यही कारण है कि खुद को गुदगुदी करने पर हमें हंसी नहीं आती है।

एक ब्रेन साइंटिस्ट की मानें तो दिमाग का सेरिबैलम हिस्सा हमें खुद को गुदगुदी महसूस करने से रोकता है। सेरिबैलम दिमाग का वह हिस्सा है जो हमारे सभी एक्शन को मॉनिटर करने का काम करता है। दिमाग का यह हिस्सा हमारी बॉडी में अपेक्षित और अप्रत्याशित संवेदनाएं (एक्सपेक्टेड और अनएक्सपेक्टेड सेंसेशन) के बीच अंतर करने में मदद करता है। इसलिए हमें खुद को गुदगुदी करने पर हंसी नहीं आती है। 
 

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