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Why Judges Break The Nib Of Their Pen After Awarding A Death Sentence
कभी सोचा है कि फैसला सुनाने के बाद पेन की निब क्यों तोड़ते हैं जज?
Updated Mon, 09 May 2016 04:50 PM IST
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विस्तार
हमने देखा है कि एक जज अपने विवेक के अनुसार लिए गए फैसले पर कायम रहता है। हालांकि ज्यादातर बार हम नहीं सोचते कि इसके पीछे कोई कारण होगा, मगर इसके पीछे कारण हैं।
कोर्ट में इस बात को मानने का कारण यह है:
मौत की सजा मुकर्रर करने के बाद पेन की निब तोड़ देना एक प्रतीक है। इसका मतलब यह है कि एक जिस पेन से एक दफा किसी की मौत लिख दी हो, उसका इस्तेमाल दुबारा नहीं किया जाएगा।
मौत की सजा को अंतिम सजा माना जाता है। यह सजा उन्हीं मुकदमों में सुनाई जाती हैं, जिन्हें हद से ज्यादा खतरनाक और गंभीर माना जाता है और उनमें किसी और सजा से न्याय नहीं किया जा सकता।
किसी के मौत लिख देने वाले दागी पेन का इस्तेमाल फिर कभी न हो इसके लिए निब तोड़ दी जाती है। शायद ऐसा करने से जज खुद को अपने फैसले और उसके अपराधबोध से दूर कर लेते थे।
इसके अलावा एक बार फैसला सुनाने और लिखने के बाद जजों को उसमें किसी भी तरह का फेरबदल करने का अधिकार नहीं होता। निब को इसलिए भी तोड़ा जाता है कि जज अपने फैसले को बदलने के बारे में न सोचें।
इस बार में एक पुरानी कहावत यह भी कहती है:
“सजा-ए-मौत दर्दनाक है, मगर पेन तोड़कर उसका दुख दिखाया जाना जरूरी है”
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