इन 13 महिलाओं ने 2018 में पुरानी सोच को दी पटकनी, हर सेक्टर में मनवाया अपना लोहा
फीचर डेस्क, अमर उजाला
Published by:
Pankhuri Singh
Updated Fri, 14 Dec 2018 11:57 AM IST
रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित करने वाले इतने सारे अपराधों के साथ बिना अपना काम जारी रखना कितना मुश्किल होता है। लेकिन इन चीजों के कारण महिलायें रुक जायेंगी इसकी शंका रखने वाले शायद गलत हैं। ये हैं 2018 की वो महिलाएं जिन्होंने अपने निडर और जुझारू स्वभाव की वजह से देश को और हमे गौरांवित किया है।
रोशनी नाडर मल्होत्रा
फोर्ब्स की विश्व की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में 51 वे पायदान पर रहीं रोशनी 8.1 बिलियन डॉलर की कंपनी एचसीएल के सारे रणनीतिक निर्णय लेती हैं। साथ ही ये लाखों की प्रेरणा हैं।
कोजहिकोडे की 50 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता कारीगरों की बेहतर कार्य-दशा का काम करने के लिए जानी जाती हैं। विजी के काम को बीबीसी ने सराहा और उन्हें 2018 की सबसे प्रेरणादायक और प्रभावशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया है।
भारत की स्टार ओपनर स्मृति को बीसीसीआई द्वारा बेस्ट महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर के नाम से नवाजा गया।साथ ही स्मृति की बल्लेबाजी दिन पर दिन चमकती जा रही है।
अंडर -20 विश्व चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ की अंतिम प्रतियोगिता जीतने के बाद 'ढिंग एक्सप्रेस' रातों रात सितारा बन गयीं लेकिन इसके पीछे उनकी मेहनत किसी से छुपी नहीं है।उनकी इस उपलब्धि के बाद हिमा को ढेरों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
गोल कोस्ट कामनवेल्थ गेम्स वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया।उनकी इस उपलब्धि के लिए भारत सरकार ने चानू को पदमश्री से सम्मानित किया है।
2018 कामनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतकर शुरुआत की और रिकॉर्ड बनाते हुए विश्व चैंपियनशिप में 6 स्वर्ण पदक जीतने वाली विश्व की पहली महिला बनीं।
हरयाणा, झज्जर की 16 वर्षीय मनु ने शूटिंग विश्व कप में सबसे कम उम्र में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचा।महिला 10 एम एयर पिस्टल कार्यक्रम में मनु सबसे आगे रहीं।
मेनका की सालों की मेहनत और लड़ाई तब रंग लायी जब धारा 377 को देश के उच्चतम न्यायलय ने 2018 में खत्म कर दिया।
change.org की ग्लोबल हेड ओबामा फेलोशिप में चुनी जाने वाली एकलौती भारतीय हैं। बता दें की, ये फेलोशिप पुरे विश्व में केवल 20 लोगों को ही प्राप्त हुई।
तनुश्री उन महिलाओं में से एक हैं जिनके साहस भरे एक बयान ने भारत में #मी टू अभियान से क्रांति ला दी थी।इतना ही नहीं उनके सामने आने के बाद हर क्षेत्र की पीड़ित महिलाओं में सामने आने का साहस आया और उन महिलाओं ने खुलकर आरोपियों के नाम लिए थे।
भारतीय उच्चतम न्यायलय की वकील करुणा, देश का 'एंटी- रेप' कानून बनाने में भागीदार हैं।साथ ही, इन्होने भोपाल गैस त्रासदी के केस भी लड़े हैं और लगातार ऑनलाइन फ्री स्पीच के समर्थन में अपनी आवाज उठाती आयी हैं।
गीता अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में मुख्य अर्थशास्त्री के पद पर चयनित भारत की पहली महिला और दूसरी भारतीय हैं। इनके ज्यादातर अनुसंधान व्यापक अर्थव्यवस्था पर आधारित हैं।
उषा छत्तीसगढ़ के नक्सल क्षेत्र बस्तर में तैनात (कोबरा) कमांडो बटालियन फॉर रसोलुट एक्शन से जुड़ी सबसे कम उम्र की सीआरपीएफ अफसर हैं। कोबरा सीआरपीएफ की विशेषताप्राप्त यूनिट है जिन्हे गुर्रिल्ला निति में महारत हांसिल होती हैं।