विस्तार
वोकेश्नल कोर्स करने के बाद जिस तरह आपके बेटे की ब्रांड वैल्यू बढ़ जाती है, उसी तरह 'आदर्श बहू' का कोर्स करने के बाद आपकी बेटी की मार्केट वैल्यू बढ़ जाएगी। जिस तरह बढ़िया कॉलेज की डिग्री आपके लड़के का रेज्यूमे मजबूत बनाती है, उसी तरह 'आदर्श बहू' के क्रैश कोर्स का सर्टिफिकेट आपकी बिटिया की शादी का बायोडेटा प्रभावशाली बना देगा। जिस तरह बढ़िया कॉलेज में पढ़ने के बाद आपका लड़का इतना प्रतिभावान बन जाता है कि वह विदेशी कंपनी के मालिकों को भी इंटरव्यू में प्रभावित कर सकता है, ठीक उसी तरह इस 'आदर्श बहू' का कोर्स करने के बाद लड़की इतनी समझदार हो जाएगी कि लड़केवाले फौरन शादी के लिए हां कर देंगे।
बेटे की मोटी सैलरी वाली नौकरी लग जाए और मोटी सैलरी पाने वाले लड़के से बेटी की शादी हो जाए... एक सभ्य और प्रगतिशील समाज को और क्या चाहिए? ये नौकरी-चाकरी तो बेटों को चोंचले हैं, घर संभालने का टेंडर को बहुओं ने जीता है ना! तभी तो भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में आदर्श बहू का क्रैश कोर्स शुरू किया गया है । वरना 'आदर्श पति', 'आदर्श बेटा', 'आदर्श सासुराल' जैसा कोर्स शुरू करने में क्या हर्ज था। है ना!
यूनिवर्सिटी के वीसी डीसी गुप्ता ने बताया कि यह तीन महीने का क्रैश कोर्स है और इसमें सिर्फ 30 सीटें हैं। 'द वायर' को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'हम लोग आज कल देख रहे हैं कि समाज में कुरीतियां और बुराइयां हैं, जिसके चलते परिवार टूट रहे हैं और वो न टूटे इसको ध्यान में रखते हुए इस कोर्स को शुरू किया जा रहा है। ये ऐसा कोर्स नहीं है जो सास-बहू के संबंध के विषय में है, बल्कि पूरे परिवार को टूटने से रोकने के लिए है।’ आदर्श बहू का कोर्स करने वाली छात्राओं को परिस्थितियों का सामना करने और परिवार को टूटन से बचाने के गुर सिखाए जाएंगे। समाज की बुराइयों और परिवार को उनसे बचाने को लेकर भी उनका ज्ञानवर्धन होगा। यूनिवर्सिटी का दावा है कि यह महिला सशक्तिकरण के इरादे से लिया गया फैसला है।
जाहिर है, आदर्श बहू का कोर्स करने वाली लड़कियों को लड़के वाले शादी के इंटरव्यू में प्राथमिकता देंगे। जाहिर है इस 'वोकेश्नल कोर्स' की फैकल्टी भी बढ़िया होगी। हमारा सुझाव है कि एकता कपूर को विभागाध्यक्ष बना देना चाहिए। अगर वह व्यस्त हों तो कम से कम बतौर गेस्ट फैकल्टी तो उनकी सेवा लेनी ही चाहिए। आखिर वो ही तो हैं जिन्होंने समाज को सबसे पहले तुलसी-पार्वती के रूप में आदर्श बहू की परिभाषा बताई थी।
तो अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी बेटी कमोलिका नहीं बल्कि तुलसी और पार्वती जैसी संस्कारी बहू बने, तो फौरन उसका दाखिला इस कोर्स में करवा दें। फिर देखिए अपने घर में प्लेसमेंट देने के लिए कितने रईस खानदान की कंपनियां आपके दरवाजे पर दस्तक देती हैं। लड़कियों के लिए 'वर-दान' से कम नहीं आदर्श बहू का यह कोर्स...