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दुनिया की पहली टीचर जिन्हें 'डाउन सिंड्रोम' है और आज वो ख़ुद ऐसे बच्चों को पढ़ा रही हैं

Apoorva Pandey/ firkee.in Updated Thu, 27 Oct 2016 12:11 PM IST
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हेबा गाज़ा
हेबा गाज़ा - फोटो : gettyimages
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आप 'डाउन सिंड्रोम' के बारे में जानते हैं? डाउन सिंड्रोम से ग्रसित बच्चों का मानसिक विकास अच्छी तरह से नहीं हो पाता और इसका असर उनके शरीर पर भी होता है। ये ऐसे लोगों को होता है जिनके शरीर में थर्ड पार्टी क्रोमोज़ोम पाया जाता है।

ऐसे बच्चों का मानसिक विकास बहुत धीरे होता है और इसका असर उनकी अपेअरेंस पर भी पड़ता है। ये स्थिति 1000 बच्चों पर किसी 1 में पाई जाती है। इन्हें स्पेशल चिल्ड्रेन कहा जाता है और इनकी देख भाल भी बेहद ख़ास ढंग से की जाती है। इनमें से कुछ बच्चे नार्मल स्कूल में जाते हैं तो कुछ ऐसे बच्चों के लिए बनाए गए स्पेशल स्कूल में।

 

इनमें से बहुत से बच्चे धीरे-धीरे काफ़ी बेहतर स्थिति में भी पहुंच जाते हैं और काफ़ी उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त कर लेते हैं।

गाज़ा में ऐसा ही एक स्कूल हैं और वहां एक बेहद ख़ास टीचर वहां पढ़ाती हैं, नाम है हेबा। आप आप सोच रहे होंगे कि इसमें क्या ख़ास है!

तो दोस्तों ख़ास बात ये है कि हेबा ख़ुद भी डाउन सिंड्रोम से ग्रसित हैं और कुछ समय पहले तक वो ख़ुद यहां पढ़ा करती थीं।


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