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आमतौर पर माना जाता है कि जब महिला गर्भवती होती है तो उसके पीरियड्स नहीं होते। पीरियड्स का बंद होने प्रग्नेंसी का सूचक है। अगर किसी गर्भवती महिला की ब्लीडिंग शुरू होती है, तो सबसे पहला डर मिसकैरेज का होता है। मगर कुछ मामलों में प्रेग्नेंसी के दौरान भी पीरियड्स हो सकते हैं और इससे गर्भ में पल रहे बच्चे को कोई खतरा नहीं होता।
विशेषज्ञों का कहना है कि जिन महिलाओं का गर्भाशय दो हिस्सों में बंटा होता है उनके साथ यह स्थिति संभव है। मेडिकल भाषा में ऐसे गर्भाशय को बाईकोर्नुएट यूट्रस कहते हैं। एक हिस्से में जहां बच्चा पल रहा होता है, वहीं यूट्रस के दूसरे हिस्से से पीरियड्स होते हैं।
इंप्लाटेशन ब्लीडिंग: यह प्रेग्नेंसी का सूचक है। इस दौरान महिलाओं को स्पॉटिंग होती है
ट्यूबल प्रेग्नेंसी: यूट्रस की जगह अगर फर्टीलाइज्ड एग फैलोपियन ट्यूब में बढ़े, तो उसे ट्यूबल प्रेग्नेंसी कहते हैं। ऐसी स्थिती में भी ब्लीडिंग होती है,
इंफेक्शन: निजी अंगों में किसी तरह के संक्रमण की वजह से भी रक्तस्त्राव संभव है
मिसकैरेज: प्रेग्नेंसी को दौरान ब्लीडिंग मिसकैरेज का भी सूचक है।
लिहाजा, अगर आपको प्रेग्नेंसी में ब्लीडिंग हो या ब्लीडिंग होकर बंद हो गई हो, दोनों की हालात में डॉक्टर से जांच जरूर कराएं।