Home Feminism Jaynti Sampath Kumar Ran 42 Km Wearing Sari In Hyderabad

इस नेक मकसद को पूरा करने के लिए ये महिला साड़ी पहनकर दौड़ी 42 किलोमीटर!

Updated Sun, 03 Sep 2017 11:32 AM IST
विज्ञापन
Jaynti sampath kumar ran 42 km wearing sari in Hyderabad
विज्ञापन

विस्तार

एक नई पहल और कुछ बदलाव लाने की फिराक में कई लोग कुछ भी कर जाते हैं। साथ ही वह अपने दमदार जज्बे से लोगों के लिए एक अलग मिसाल भी खड़ा कर जाते हैं। ऐसी ही एक महिला ने साड़ी को खास पहचान दिलाने के लिए दौड़ लगाई। हैदराबाद की इस महिला ने मैराथन में साड़ी पहन कर 42 किलोमाटर दौड़ लगाई। 

महिला का नाम जयंती संपत कुमार है। दरअसल जयंती संपत हैंडलूम साड़ी को बढ़ावा देने के लिए मैराथन में साड़ी पहनरकरदौड़ी थीं, ताकि वो ये बात साबित कर सके कि साड़ी में काम करना या पहनना असहजता नहीं है। 

जयंती कहती हैं “हर किसी को वही पहनना चाहिए जिसमें वह सहज हों। मैं ये दिखाना चाहती हूं कि साड़ी पहनकर भी सभी काम किए जा सकते हैं" 


44 वर्षिय जयंती ने हाल ही में अद्भुत तरीके से हथकरघा उद्योग ( हैंडलूम इंडस्ट्री) के प्रति अपने प्रेम और लोगों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए अनोखा रास्ता चुना। लेकिन साड़ी पहनकर मैराथन में भाग लेना आसान बात नहीं थी। इसके लिए जयंती ने बाकायदा ट्रेनिंग ली थी। जनवरी 2016 से हैदराबाद के धावकों के साथ प्रशिक्षण शुरू किया। 
 
यह सब जयंती के लिए आसान नहीं था। पहले साड़ी को महाराष्ट्रियन स्‍टाइल बांध कर दौड़ने का प्रयास किया। इन स्टाइल में दौड़ने में परेशानी हुई। साड़ी पैरों में फंस जाती। इस दौरान वह कई बार फ‍िसल कर गिरी भी, लेकिन आखिरकार वो महाराष्ट्रियन स्टाइल में साड़ी बांधकर उन्हें सफलता मिली।

साथ ही आपको बता दें कि जयंती कुमार ने यह दौड़ सैंड़ल पहनकर पूरी की। वह कहती हैं कि वह इस दौड़ को नंगे पैर पूरा करना चाहती थी, लेकिन उनके पैर में पत्थर चुभने की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाईं।

जयंती कुमार ने भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए साड़ी पहनकर मैराथन पूरी की है। उन्होंने फिलहाल गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। वह साड़ी पहनकर सबसे तेज दौड़ने वाली महिला हैं।

 हथकरघा वस्‍त्र और हथकरघा बुनकर भारत की समृद्ध संस्‍कृति, विरासत और परंपरा का एक अनोखा अंग है। दुनिया में सबसे अधिक हथकरघा बुनकर भारत में ही हैं। हथकरघा उद्योग देश के 'वस्‍त्र उत्‍पादन' में एक बड़ा योगदान रखता है। लेकिन इस कारीगरी की महानता से अभी भी लोग अनजान हैं। इसी चीज को बढ़ावा देने के लिए जयंती ने इस अनोखे काम को अंजाम दिया है.. 

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree