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घुमक्कड़ी पसंद है तो पढ़ें मेधावी की कहानी, एडवेंचर के लिए छोड़ दी बढ़िया नौकरी

टीम फिरकी, नई दिल्ली Updated Tue, 23 Jan 2018 03:19 PM IST
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Lady left his good salaried job to fulfill her dream of travelling
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एक अच्छी नौकरी का सपना सभी के मन में होता है, साथ ही एक इच्छा दुनिया घूमने और एडवेंचर करने की भी होती है। लेकिन नौकरी के साथ घूमने के लिए समय निकाल पाना लगभग असंभव सा ही लगता है और उतना ही असंभव है घूमने के लिए नौकरी को छोड़ देना। 

पर क्या कोई ऐसा है कि जिसने अपने घुमक्कड़ी के शौक को पूरा करने के लिए एक अच्छी-खासी या दूसरे शब्दों में कहें तो एक 'वेल-सेटल्ड' लाइफ को छोड़ दिया? तो इसका जवाब है हां, और वह नाम है मेधावी दावड़ा का जिन्हें ट्रेकिंग, स्कूबा डाइविंग जैसे रोमांच में इतनी रुची है कि इसके लिए उन्होंने अपनी अच्छी तनख्वाह वाली नौकरी छोड़ दी और घूमने निकल पड़ीं।



मेधावी एक सॉफ्टवेर इंजीनियर हैं और उन्होंने इनफ़ोसिस, आईबीएम और टीसीएस सरीखी दिग्गज कम्पनियों में काम किया है। इसी बीच वह अंडमान में स्कूबा डाइविंग करने गयीं थी और जब लौटकर आईं तो बस शारीरिक रूप से ही वापस आईं, उनका दिल जैसे वहीं रह गया था। यहीं उन्होंने अपनी जॉब छोड़ दी, सामान दान कर दिया, कुछ कपड़े रखे और निकल पड़ीं घूमने। 



मेधावी ने 16 साल की उम्र में ही हिमालयन ट्रैकिंग की थी, जहां पहली बार वह बर्फीले पानी से नहायीं और 14500 फीट की ऊंचाई पर ब्रीघू झील तक ट्रेकिंग की। वह हिमालय के पहाड़ों पर ट्रैकिंग करना चाहती थीं लेकिन सामाजिक जरूरतों के चलते वह नौकरी करने लगीं। लेकिन ट्रैकिंग की चाहत ने उन्हें वापस हिमालय पहुंचा दिया और वह एडवेंचर की आदी हो गईं। 

मेधावी ने टैड टॉक्स में बताया कि परिवार वालों ने उनकी छोटी उम्र को देखते हुए बैडमिंटन से दूरी बनाने की सलाह दी और पढ़ाई पूरी करने के लिये जोर दिया। वह सबकी चाहतों के मुताबिक पढ़ती गईं, इंजीनियर बनी, नौकरी की लेकिन उनका मन बैडमिंटन पर ही अटका रहता था। और जब बैडमिंटन उनसे दूर चला गया तो वह एडवेंचर पर ध्यान देने लगीं। 

उन्होंने अपने पैशन को छोड़कर कई साल नौकरी की लेकिन जब वह और बर्दाश्त नहीं कर पाईं तब उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे अपनी जॉब छोड़ दी। उनके पास सिर्फ उनकी एफडी में ही कुछ पैसे थे। जिससे उन्होंने अपने हर शौक को पूरा किया, उनके माता पिता ने भी उनका पूरा साथ दिया। 



लेकिन इसके साथ ही उनके साथ परेशानी यह थी कि वह ऐसा क्या करें जिससे कमाई भी हो जाए और वह अपना शौक भी पूरा कर सकें। उनकी यह तलाश जल्द ही पूरी हो गयी जब 'कॉक्स एंड किंग्स' ने स्पॉन्सर्ड ट्रिप्स के लिये ट्रैवल एंडवेंचरर्स की तलाश शुरू की। मेधावी ने इसमें पार्ट लिया लेकिन आखिरी राउंड में पिछड़ गईं। तब उन्होंने ट्रैवल राइटिंग करनी शुरू कर दी और उनकी इसमें पहचान बनने लगी। 3 साल बाद कॉक्स एंड किंग्स ने उनसे संपर्क किया और उन्हें एक एडवेंचर ट्रिप का हेड बना दिया। 



मेधावी की ब्लॉग आप  www.ravenouslegs.com पर पढ़ सकते हैं। वह वास्तव में लोगों को बताती हैं कि 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' इसलिए अपने पैशन के लिए जीना चाहिए।

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