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कहते हैं...सपने वो नहीं होते जो आपको सोते हुए देखते हैं, सपने वो होते हैं जो आपको सोने नहीं देते है। कुछ कर गुजरने की जिद्द ही इंसान को आम से खास बनाती है। नीतू सरकार उन सारे मुहावरों और कहावतों पर फिट बैठती हैं जो हमे प्रेरणा देते हैं। क्योंकि नीतू पर समाज से लेकर संस्कार तक सबने जुल्मों-सितम किए लेकिन वो अपने इरादों से टस से मस नहीं हुईं।
नीतू सरकार का जन्म हरियाणा में एक बेहद गरीब परिवार में हुआ। इतने गरीब परिवार में कि वहां मां-बाप बेटी को पैसों के लिए बेच देते हैं। नीतू सरकार की पहली शादी तब हुई जब वो 13 साल की थी। 14 साल की उम्र में गर्भवती हो गईं। जिस शख्स से पहली शादी हुई थी वह 43 साल का अधेड़ था और मानसिक रुप से बीमार भी। नीतू उस घर से निकल कर भाग आई लेकिन माता-पिता का दिल नहीं पसीजा, नीतू की दोबारा शादी करवा दी।
दूसरी बार नीतू की शादी हुई तब तक वो जिंदगी के मायनों को समझ चुकी थी। दूसरी शादी के बाद नीतू ने एक सपना भी जीना शुरू कर दिया। नीतू ने तय किया कि अब इस दुनिया का मुकाबला करने के लिए मर्दों के अखाड़े में उतरेंगी। ग्रामीण पृष्ठभूमि में एक लड़की का लड़कों के साथ अखाड़े में उतरने का मतलब आप समझते होंगे। लोगों ने विरोध किया, ससुराल ने भी विरोध किया। सिर्फ पति ने साथ दिया।