Home Feminism P V Sindhu Is The New Sports Sensation Of India

हारकर जीतने वाले को बाजीगर कहते होंगे, पर अब सिंधू कहते हैं

Updated Thu, 06 Apr 2017 12:48 AM IST
विज्ञापन
pv sindhu
pv sindhu - फोटो : india.com
विज्ञापन

विस्तार


रविवार का दिन भारतीय बैडमिंटन जगत के लिए बेहद महत्वपूर्ण था। दिल्ली का सिरी फोर्ट स्टेडियम कॉम्पलैक्स खचा-खच दर्शकों से भरा था। बैडमिंटन कोर्ट के चारों ओर सिंधू...सिंधू... की आवाज आ रही थी। दर्शक सिंधू का उत्साह बढ़ाने में जुटे थे। यह मुकाबला सिंधू के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण था, क्योंकि उनके सामने कोर्ट वो खिलाड़ी थीं, जो पिछले साल अगस्त में उनकी ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बनने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बनी थीं। 

इंडियन सुपर सीरीज के फाइनल में सिंधू की भिड़त दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मरीन से थी। निश्चित तौर पर फाइनल में मरीन का सामना करने से पहले सिंधू के जेहन में रियो ओलंपिक के फाइनल की तस्वीर एक बार फिर ताजा हो गई होगी।

जहां पहला सेट जीतने के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि दोनों खिलाड़ी ओलंपिक में पहली बार हिस्सा ले रही थीं और दोनों स्वर्ण पदक पर हासिल करना चाहती थीं। लेकिन बाजी कैरोलिना मरीन के हाथ लगी। उन्होंने सिंधू की अनुभवहीनता का फायदा उठाते हुए भारत की 'गोल्डन गर्ल' बनने से रोक दिया।  
 


7 महीने बाद दोनों खिलाड़ी एक बार फिर आमने-सामने थीं। ऐसे में सिंधू के पास घरेलू दर्शकों के सामने मरीन से  हिसाब चुकता करने का एक शानदार मौका भी था। रविवार शाम तक किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि दिल्ली में इतिहास करवट बदलने वाला है। हर कोई मरीन को ही फेवरेट मान रहा था।

मरीन जिस धमाकेदार अंदाज में खेलती हैं उसमें प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी के जीतने की संभावना बहुत कम दिखाई देती है। लेकिन सिंधू ने इस ऐतिहासिक दिन के लिए खुद को पूरी तरह तैयार किया था। उन्होंने रियो की हार से सबके लेते हुए अपने तरकश में कुछ ऐसे तीर शामिल किए जिनका तोड़ मरीन के पास भी नहीं था। कहते हैं ना, कई बार हार आपको ऐसे सबक दे जाती है जो जिंदगी भर सफलता की कुंजी साबित होते हैं। इस बात की झलक इंडियन ओपन सुपर सीरीज के फाइनल मुकाबले में भी दिखाई दी।  
 

सिंधू ने आक्रामक तेवर के साथ मैच में शुरुआत की। पहले सेट में 5-1 से पिछड़ने के बाद मरीन ने शानदार वापसी की और मिड ब्रेक तक 9-11 की बढ़त बनाने में सफल हो गईं। ब्रेक के बाद सिंधू ने विश्व की नंबर एक खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया और पहला सेट 21-19 से अपने नाम कर लिया। दूसरे सेट में भी सिंधू आक्रमण जारी रखते हुए 5-0 की शुरुआती बढ़त हासिल कर ली। इस बढ़त को सिंधू ने अंत तक कायम रखा। अंततः 21-16 के अंतर से दूसरा सेट जीतते ही सिंधू ने करियर का पहला इंडियन ओपन सुपर सीरीज का खिताब अपने नाम कर लिया। 

रियो ओलंपिक के गोल्ड और सिल्वर मैडलिस्ट खिलाड़ियों के बीच कांटे की टक्कर रही। मैच में सिंधु का पलड़ा भारी रहा। 21 वर्षीय सिंधू ने रियो के फाइनल के खेल से उलट शारीरिक-मानसिक मजबूती दिखाई। यह समय के साथ एक खिलाड़ी के रूप में उनकी परिपक्वता को दिखाता है। इसी कारण विश्व की नंबर एक खिलाड़ी सिंधू के सामने कमजोर नजर आईं।  'रिवेंज इज ऑलवेज स्वीट' वाले भाव जीत के बाद सिंधू के चेहरे पर साफ-साफ दिखाई दिए। इस मैच से पहले हारकर जीतने वाले को 'बाजीगर' कहा जाता रहा होगा, लेकिन कैरोलिना मरीन से ओलंपिक की हार का हिसाब चुकता करने के बाद हार कर जीतने वाले को 'सिंधू' कहा जाएगा। 
 

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree