विस्तार
कहा जाता है जान बचाने वाला भगवान होता है। लेकिन अपनी जान की परवाह किए बिना किसी अनजान की जान बचाना शायद भगवान से भी बड़ा होता है। खुद की हालत इतनी खराब थी कि वो खड़ी भी नहीं हो सकती थी लेकिन उसने अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरे को खड़ा किया। हम बात कर रहे हैं एक डॉक्टर की। जिसने अपने बच्चे को खोकर दूसरे की डिलीवरी कराई।
ये डॉक्टर मिश्र की है उसने अपने खाते में एक अच्छे और अनोखे काम को शामिल किया है। जिससे उसकी चर्चा हर जगह है। दरअसल उसके पास एक ऐसा केस आया कि वो मना न कर सकी, हालत खराब होने के बाद भी उसने अपने काम को सफलतापूर्वक किया।
मिस्र में काहिरा के लक्जर जनरल हॉस्पिटल में एक महिला के डिलीवरी होनी थी। उस वक्त अस्पताल में मेरवात मोहम्मद तलत (डॉक्टर) के सिवा दूसरे डॉक्टर मौजूद नहीं थे। महिला की डिलीवरी में मुश्किलें थीं। तुरंत ऑपरेशन करना जरूरी था। मेरवात तलत जो कि एक डॉक्टर हैं वह खुद भी प्रेग्नेंट थीं। उन्हें भी कुछ दिक्कतें थीं।
दूसरे डॉक्टर न होने की वजह से मेरवात खुद ऑपरेशन करने के लिए तैयार हो गईं। ऑपरेशन चल ही रहा था कि मेरवात के पेट में तेज दर्द होने लगा। मेरवात नहीं रुकीं। इसके बाद उन्हें ब्लीडिंग शुरू हो गई। उन्हें पता चल गया कि उनका मिसकैरिज (गर्भपात) हो गया है। इसके बाद भी उन्होंने ऑपरेशन नहीं रोका। दूसरे डॉक्टर आ गए थे लेकिन उन्होंने केस बीच में छोड़ने से इनकार कर दिया।
ऑपरेशन पूरा होने के बाद उन्हें दूसरे रूम में एडमिट किया गया। उनका इलाज हुआ। लेकिन उन्होंने खुद की तकलीफ को दरकिनार कर दूसरे का दर्द दूर किया और उसे मां बनने की खुशी दी। मेरवात की इस दरियादिली के लिए उनके सम्मान की मांग उठ रही है।