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10 साल पहले ऊपरवाले ने उसे ऐसी यातना दी कि आधा शरीर बेकार हो गया। स्पाइनल इंजरी ने शरीर के निचले धड़े को लकवाग्रस्त कर दिया। लेकिन शरीर के जिस हिस्से में हिम्मत होती है, वह बच गया। किसे पता था कि वह हादसा इस लड़की की हिम्मत को सौ गुना और बढ़ा देगा। राजलक्ष्मी एस.जे. बंगलुरु से हैं और भारत की तरफ से मिस व्हीलचेयर वर्ल्ड2017 में शिरकत करने वाली है। प्रतियोगिता 7 अक्टूबर को पोलैंड में होगी।
राजलक्ष्मी को देखकर एक पल के लोगों को विश्वास ही नहीं होता कि वह अपने पैरों पर चल नहीं सकतीं। वजह है इनकी फिटनेस और खूबसूरती। ये जितनी खूबसूरत हैं, उसी के अनुपात में इनके अंदर हौसला, हिम्मत और जज्बा भरा है।
आज की जनरेशन इनसे प्रेरणा ले सकती है। लड़कियां इन्हें अपना रोल मॉडल बना सकती हैं। इस कमाल की हुस्नपरी में ऊपरवाले ने कूट-कूटकर हुनर भरा है। ये दांतो की गजब की डॉक्टर होने के साथ साथ एक असिस्टेंट प्रोफेसर, शोधार्थी और दिव्यांगों के लिए बने एक चेरीटेबल ट्रस्ट की चेयरपर्सन भी हैं। पैर पैरलाइज हैं तो क्या हुआ, व्हीलचेयर डांस और व्हीलचेयर बास्केटबॉल में ये चैंपियन हैं।
अभी रुकिये इनके हुनर की लिस्ट खत्म नहीं हुई। राजलक्ष्मी एक पेंटर, सिंगर और स्विम्मर भी हैं। इस सबके साथ राजलक्ष्मी घुमक्कड़ी भी हैं और अब तक 11 देशों की यात्रा कर चुकी हैं।
राजलक्ष्मी के कई जुनूनों में से एक मॉडलिंग भी है, इसलिए पहियों वाली कुर्सी पर ही सही, ये अपना मॉडलिंग का शौक पूरा कर रही हैं। राजलक्ष्मी 2014 में मिस व्हीलचेयर इंडिया चुनी गई थीं। अब अगर एक बार ऊपरवाला इन पर मेहरबान होता है तो ये मिस व्हीलचेयर वर्ल्ड 2017 बन जाएंगी।
राजलक्ष्मी दुनिया भर के दिव्यांगों के लिए साहस और उत्साह का एक जीता जागता उदाहरण हैं। लाइफ ने इन्हें भले ही सबसे बड़ा दर्द दिया, लेकिन ये हैं कि उस पर सकारात्मक नजरिये का लेप लगाकर कहती हैं- एक जिंदगी में वह दो जिंदगियां जी रही हैं। पहले जब उनके पैर सलामत थे, और अब व्हीलचेयर पर।
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