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राम गोपाल वर्मा सनसनी पैदा करना जानते हैं। वह अपनी फिल्मों और साक्षात्कारों के माध्यम से यह करते आए हैं लेकिन इसमें अब कोई शक नहीं कि रामू चुक गए हैं! सुर्खियां बटोरने के लिए वह अब जो कर रहे हैं उसे बेशर्म सनसनी कहा जा रहा है। उनकी पहली ऑनलाइन फिल्म 'मेरी बेटी सनी लियोनी बनना चाहती है' इसका सुबूत है।
राम गोपाल वर्मा ने पिछले महीने ट्विटर को अलविदा कहने के बाद यूट्यूब को अपनी बातें कहने का प्लेटफॉर्म बनाया। पहली ही फिल्म अपलोड करने के साथ वह विवादों में छा गए। फिल्म 'मेरी बेटी सनी लियोनी बनना चाहती है' को हफ्ते भर में करीब 36 लाख व्यूज मिले। आमतौर पर यूट्यूब कंटेंट को पसंद करने वाले नापसंद करने वालों से ज्यादा होते हैं लेकिन रामू के मामले में उल्टा है। फिल्म देख कर कुछ लोगों ने उन्हें दिमाग का इलाज कराने की सलाह दी है।
रामू ने ट्विटर पर गुजरे विश्व महिला दिवस के मौके पर महिलाओं को सनी लियोनी से प्रेरणा लेने की सलाह दी थी और इसे लेकर पुलिस में शिकायत तक हुई थी। उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी। मगर अब लोगों को लग रहा है कि रामू हद पार चुके हैं, जब वह 11 मिनट की फिल्म में एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी को अपने मां पिता से यह कुतर्क करते दिखा रहे हैं कि वह क्यों, कैसे और किस लिए सनी लियोनी बनना चाहती है।
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मार्केटिंग के जानकार मानते हैं कि सनी लियोनी 2011 में बिग बॉस के रास्ते भारतीयों के घरों में प्रवेश करने के बाद मजबूत ब्रांड बनीं। पोर्न स्टार वाली ख्याति के कारण शुरुआत में उनकी फिल्में भले दर्शक जुटा पाईं लेकिन 2015-16 में उनका करिअर ग्राफ एकदम नीचे आ गया।
'एक पहेली लीला', 'कुछ कुछ लोचा है', 'मस्तीजादे', 'वन नाइट स्टेंड' और 'बेईमान लव' सुपर फ्लॉप रहीं। शाहरुख की रईस में सनी को आइटम डांस का मौका मिला और हाल में फिल्म नूर में कुछ मिनट के लिए दिखीं। अब उनकी केवल एक फिल्म फ्लोर पर है और एक अंग्रेजी दां टीवी चैनल के शो में वह दिखती हैं।
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2003 में रामू ने 'मैं माधुरी दीक्षित बनाना चाहती हूं' नाम की फिल्म बनाई थी। जिसमें एक छोटे शहर की लड़की अंतरा माली मां-बाप की जिद पर शादी करके घर के चूल्हे-चौके में लगने के बजाय फिल्म इंडस्ट्री में बड़ी ऊंचाई छूने का ख्वाब देखती है। लेकिन 2017 की 'मैं सनी लियोनी बनना चाहती हूं' में किसी सपने के बजाय बेतुकी, बेसिर-पैर की बातें हैं। जिनमें से कुछ तो महिलाओं का सरासर अपमान करती हैं।
रामू माधुरी वाले टाइटल की तर्ज पर इस फिल्म का नाम पहले 'मैं सनी लियोनी बनाना चाहती हूं' रखने वाले थे। तब उन्हें पता चला कि सी ग्रेड फिल्में बनाने वाले निर्माता-निर्देशक कांति शाह इस टाइटल की फिल्म घोषित कर चुके हैं। सवाल यह कि क्या सत्या, रंगीला, भूत, कंपनी और सरकार जैसी फिल्में बनाने वाले रामू की सोच कांति शाह के स्तर पर जा पहुंची है?
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