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भारतीय मूल की वैज्ञानिक छात्रा ने पैरों की चोटों और पैर दर्द का इलाज करने के लिए स्मार्ट मोजे का आविष्कार किया है। ऑस्ट्रेलिया में स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में पीएचडी स्कॉलर दीप्ति अग्रवाल ने ‘स्मार्ट मोजे’ विकसित किए हैं। इसकी मदद से फिजियोथेरेपिस्ट दूरदराज के इलाकों में लोगों के पैरों में लगने वाली छोटी-मोटी चोटों का बेहतर तरीके से निदान और उपचार करने में मदद कर सकते हैं।
दीप्ति ने इस मोजे का नाम सोफी रखा है। इसमें एक तकनीक के जरिए छोटा उपकरण लगाया गया है जो रोगी के पैरों के निचले हिस्से की रीयल टाइम जानकारी प्रदान कराता है। दीप्ति का कहना है कि उन्हें मोजे बनाने का आइडिया उस समय आया जब वह उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव में रहती थीं। उस समय उनके पिता के पैर के घुटने में चोट लगने के कारण घायल हो गए थे और वह इलाज के लिए शहर जाने में असमर्थ थे।
उन्होंने कहा कि इन मोजों की मदद फिजियोथेरेपिस्ट को आसानी होगी। इसका कारण है कि इसकी मदद से पैरों के तलवे की बारीक से चोट व अवस्थता का पता चल सकेगा। वह कुछ ऐसा बनाना चाहती थीं, जिससे की पैरों के तलवे के बारे में भी सूक्ष्म से सूक्ष्म बीमारी का पता चल सके। ताकि इससे आग चलकर मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज हो सके।
उन्होंने बताया कि इसमें मोजे की एक जोड़ी होती है जिसमें तीन सेंसर लगे होते हैं। इसे मरीज को पहनाया जाता है। यह वजन में सामान्य है और मरीज के चलते समय उसके पैरों के निचले हिस्से की सारी जानकारी देता है।