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कहा जाता है कि इंसान सारी जिंदगी कुछ न कुछ सीखता ही रहता है। साथ ही ये भी पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। हजारों ऐसे किस्से हैं जिनमें किसी बुजुर्ग ने शिक्षा हासिल की। कहीं कोई बुजुर्ग एमए कर रहा है तो कहीं लॉ। अब एक ऐसा ही किस्सा सामने आया है। हालांकि यह थोड़ा हटके।
आप यह किस्सा सुनेंगे तो आपको स्वरा भास्कर की फिल्म 'निल बटे सन्नाटा' की याद आएगी। क्योंकि यह कुछ वैसा ही है। यहां भी एक मां ने अपने बेटे के साथ 10वीं के इम्तिहान दिए।
दरअसल, रजनी ने 1989 में 9वीं की परीक्षा। फिर उनकी पढ़ाई छूट गई। रजनी आगे न पढ़ सकीं। वक्त बीता और रजनी की शादी हो गई। फिर रजनी घर-परिवार में व्यस्त हो गईं। लेकिन रजनी का मन पढ़ने को होता था। आखिरकार उसे लगा कि क्यों न अपने बेटे के साथ ही 10वीं की परीक्षा दी जाए। रजनी ने अपने बेटे के साथ एक ही स्कूल में दसवीं में एडमिशन लिया और दोनों ने साथ में पढ़ाई की।
क्यों लिया फैसला
रजनी का कहना है उन्हें एक दिन अहसास हुआ कि 10वीं पास होना तो बहुत जरूरी है। फिलहाल, रजनी एक सिविल अस्पताल में वॉर्ड अटेंडेंट के तौर पर काम करती हैं। रजनी ने एएनआई से बातचीत में बताया कि उन्हें शुरू में जरूर थोड़ा अजीब लगता था लेकिन परिवारवालों के सहयोग से सब हो गया। खास बात ये भी है कि रजनी के पति राजकुमार सेठी ने भी पढ़ाई छोड़ने के 17 साल बाद ग्रेजुएशन की।