छत्तीसगढ़ का बस्तर नक्सली एक्टिविटीज़ का हॉटबेड माना जाता है। यहां मौत कभी पेड़ों पर डालियों के साथ झूल रही होती है, तो कभी धूल भरे आसमान से नीचे देख रही होती है। इसी बस्तर के रेलवे ट्रैक की हर सुबह 8 से 5 तक निगरानी करती है सावित्री नाग यादव। भारतीय रेल में खलासी के पद पर तैनात, सावित्री का काम ख़तरों से भरा है।
हर सुबह अपनी जान जोखिम में डाल कर सावित्री इस 7 किलोमीटर लंबे ट्रैक की रखवाली करती है। रेल को जोड़ने वाले मेटल पीस जगह पर हैं, फ़िशप्लेट्स सही हैं कि नहीं, नट-बोल्ट से लेकर ट्रैक की हर चीज़ का ध्यान उसे रखना होता है।
गीदम से कुलनूर से इस ट्रैक को देखने वाली सावित्री अकेली महिला है और कई बार निगरानी के काम में वो अकेली होती है. सारा टाइम खड़े रहने से उसे कई बार परेशानियां आती हैं, लेकिन उसके लिए काम सबसे ऊपर. वो इसे अपना फ़र्ज़ मन कर करती है.