भारतीय स्पेस रिसर्च एजेंसी (ISRO) चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने में असफल रहा। हालांकि, इस विफलता के बावजूद के लाखों भारतीयों ने अंतरिक्ष में हासिल की गई ISRO की तमाम उपलब्धियों याद कर ISRO को हार न मानने और निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है।
बता दें कि शुक्रवार-शनिवार की दरमियानी रात को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के समय इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया था। जिसके बाद पूरे देश से इसरो के वैज्ञानिकों को प्रेरित करने के मैसेज भेजे जा रह थे।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इसी कड़ी में एक 10 साल के एक बच्चे ने भी इसरो के वैज्ञानिकों को खत भेजा है। उसने अपने खत में लिखा कि ‘‘इतनी जल्दी दिल छोटा नहीं करते। हम चांद पर जरूर पहुंचेंगे। हमारा अगला प्रयास चंद्रयान 3 का है, जिसे हम अगले साल जून में लॉन्च करेंगे। ये मत भूलिए कि ऑर्बिटर अब भी वहां है। वो हमें फोटो भेजेगा, जिससे हमारा अगला कदम तय होगा। वो हमें आगे बताएगा कि हमें कहां जाना है, अब आगे क्या करना है।
ऐसा हो सकता है कि विक्रम सचमुच लैंड कर गया हो या प्रज्ञान अब भी जिंदा हो और ग्रैफिकल बैंड्स भेजने के लिए तैयार हो रहा हो, तब सफलता हमारे हाथों में होगी। इसरो के वैज्ञानिक अगली पीढ़ी के बच्चों के लिए प्रेरणा हैं। इसरो आप हमारा गर्व हैं। राष्ट्र की तरफ से आपको तहेदिल से शुक्रिया।
मीडिया में आई खबरों कि मानें तो अंजनेया ने अपनी मां ज्योति कौल से यह चिट्ठी ऑनलाइन पोस्ट कराई। जिसे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने रीट्वीट कर दिया जिसके बाद यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
हालांकि, अंजनेय ने जैसा अपने लेटर में लिखा, वैसा ही हुआ. मतलब ये कि 8 सितंबर की दोपहर तक चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर ने लैंडर विक्रम का पता लगा लिया। इसरो के मुखिया के सिवन ने बताया कि ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा ने विक्रम लैंडर की तस्वीर खींच कर भेजी हैं। इसमें लैंडर सुरक्षित दिख रहा है, लेकिन वह लैंडिंग वाली तय जगह से कुछ दूर है।