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कहा जाता है कि क्रिकेट अनिश्चितताओं का खेल होता है। इसमें कब कौन सी टीम कौन सा रिकॉर्ड बना दे, ये कोई नहीं जानता। लेकिन क्रिकेट में कोई ऐसा संयोग बने, जो सालों तक लोगों को याद रहे, ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है। आज से सात साल पहले क्रिकेट की दुनिया में एक ऐसा ही अद्भुत संयोग बना था, जो शायद ही पहले कभी बना हो।
दरअसल, 11 नवंबर (11वां महीना), 2011 को ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गए टेस्ट मैच में सुबह 11:11 बजे दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 111 रनों की जरूरत थी। ये एक बेहतरीन संयोग था। दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में ये मैच खेला गया था और हजारों लोग इस अद्भुत संयोग के गवाह बने थे।
इस पल की खुशी का इजहार करने के लिए दर्शक और अंपायर इयन गुल्ड उस मिनट के लिए एक पैर पर खड़े रहे थे। इसके अलावा मैच में 11 नंबर का एक और संयोग बना था और वो ये कि ऑस्ट्रेलिया की ओर से नंबर 11 पर बल्लेबाजी करते हुए नाथन लॉयन ने सबसे ज्यादा रन बनाए थे। इस मैच को दक्षिण अफ्रीका 8 विकेट से जीतने में कामयाब रहा था। पहली पारी में तो ऑस्ट्रेलिया ने ठीक-ठाक रन बना लिया था, लेकिन दूसरी पारी में उसकी पूरी टीम महज 47 रन पर ऑलआउट हो गई थी।
क्रिकेट में 111 रन के स्कोर को नेल्सन नाम से भी जाना जाता है और यह एक दुर्भाग्यपूर्ण स्कोर माना जाता है। इसके पीछे एक दिलचस्प और भावुक कहानी है। 19वीं सदी में रॉयल नेवी के एक फ्लैग ऑफिसर थे लॉर्ड नेल्सन। उन्होंने वर्ष 1805 में ट्रफैलगर की लड़ाई में एक आंख, एक हाथ और एक पैर गंवा दिए थे, लेकिन फिर भी वो दुश्मनों से लड़ते रहे थे, जब तक कि उन्होंने अपने प्राण नहीं त्याग दिए। उन्हीं की याद में 111 को नेल्सन नाम से जाना जाता है।