दीपाली अग्रवाल, टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Tue, 09 Jan 2018 11:25 AM IST
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समलैंगिकता और ट्रांसजेंडर जैसे कई मुद्दे हैं जिन्हें लेकर समाज की एक अलग ही सोच है, दोनों की स्थिति के व्यक्तियों को सामाजिक दवाब के चलते तनाव से गुजरना पड़ता है। समलैंगिकता पर तो बहस चल ही रही है, साथ ही ट्रांसजेंडर भी अपने हक़ के लिए आवाज उठा रहे हैं।
ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे ही ट्रांसजेंडर की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्हें आंध्र प्रदेश सरकार की मदद से नौकरी मिल गयी और इसके साथ ही वह राज्य की पहली ट्रांसजेंडर बन गयीं जो सरकारी नौकरी कर रही हैं।
26 साल की जानकी पिछले 5 सालों से धर्मशाला में रह रहीं थीं और भीख मांग कर अपना गुजारा करती थीं। जानकी को बचपन से ही अपनी जेंडर आइडेंटिटी के बारे में पता था। लेकिन उन पर किसी लड़के की तरह व्यवहार करने का दवाब बनाया जाता था। मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने के कारण वह सबका कहा मान लिया करती थीं।
जानकी का कहना है कि,"मैं जानती थी कि मैं क्या हूं। मेरी पहचान एक लड़के की नहीं थी, लेकिन मेरे घरवालों ने मुझे कभी खुद को व्यक्त करने का मौका ही नहीं दिया।" इसी दवाब के चलते उन्होंने घर छोड़ने का फैसला कर लिया और बाकी ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के साथ जा कर रहने लगीं। वे लोग भी समाज से पीड़ित लोग ही थे।
जानकी ने दोबारा अपने घर वालों से संपर्क साधने की भी कोशिश की लेकिन उनकी मां को छोड़ कर किसी ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई। अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए जानकी ने कहा कि,"कोई इंसान अपने परिवार से मिलने वाले प्यार को नहीं भुला सकता। लेकिन जब परिवार के लोग ही हमें कलंक के तौर पर देखने लग जाएं तो वहां रहना मुश्किल हो जाता है।"
जानकी ने 2012 में कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन और उसके बाद बी एड भी किया हुआ है। घर छोड़ने के बाद जानकी धर्मशाला में रहने लगीं और भीख मांग कर गुजरा करने लगीं। जिले में आधार बनवाने के लिए जब रजिस्ट्रेशन हो रहा था तो डीएम ने उनकी योग्यता के बारे में जानकारी मांगी। अपनी पढाई-लिखाई के बारे में बताने पर डीएम ने उन्हें सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने को कहा। अपने दम पर जानकी इस परीक्षा में पास हो गयीं और उन्हें ये नौकरी मिल गयी।
आज जानकी अपनी नौकरी को लेकर बेहद खुश हैं और अभी कडप्पा के चेन्नुरु मंदिर में रह रही हैं। वे अभी आंध्र प्रदेश सरकार के राज्य आवासीय निगम में डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर काम कर रही हैं और योग्य आवेदकों के डेटा को सिस्टम में फीड करने का काम करती हैं।