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अगर आप बॉक्सिंग की थोड़ी जानकारी भी रखते हैं तो आप मोहम्मद अली को ज़रूर जानते होंगे। अमेरिका का वो ज़बरदस्त बॉक्सर जिसने महज़ 22 वर्ष की उम्र में उस मुक्केबाज़ को हराया था जिसे हारना आता ही नहीं था। उसका नाम था सोनी लिस्टॉन। मोहम्मद अली ने पहले ही दावा किया था कि वो लिस्टॉन को हरा देंगे लेकिन 22 साल के नये खिलाड़ी पर कौन यकीन करता? पर किसी के यकीन किए बिना भी यह हो गया और अली हैवीवेट श्रेणी के चैम्पियन बन गए। आज उस चैम्पियन 'द ग्रेट' मोहम्मद अली का निधन हो गया जिसे देखकर लोग बॉक्सिंग का ग्लूकोज़ पीते थे।
वो शुरुआत से ही मोहम्मद अली नहीं थे। 'कैसियस मार्सेलस क्ले जुनियर' का जन्म 17 जनवरी 1942 को केंटकी में हुआ था। नस्लवाद से परेशान होकर उन्होंने इस्लाम अपनाया और क्ले से मोहम्मद अली बन गए। तीन अलग अवसरों पर हैवीवेट जीतने वाले इस पहले बॉक्सर को एक बार अमरीकी सरकार ने 4 सालों के लिए बैन भी किया था। सरकार इन्हें वियतनाम से हो रहे युद्ध में अमेरिका की तरफ से शामिल करना चाहती थी जिसके लिए अली तैयार नहीं हुए और उनपर 4 वर्षों तक प्रतिबंध लग गया। उनके इस कदम से वो लोगों के बीच खूब मशहूर हो गए। सन् 1971 में जब वापस रिंग में उतरे तो अपना बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्हें खेल मैगेज़ीन ने "शताब्दी के खिलाड़ी" और बीबीसी ने "स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी ऑफ द सेंचुरी" से नवाज़ा।
उन्होंने कुल 61 मुकाबलों में से 56 में जीत हासिल किया जिनमें 37 मुकाबलों में प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को knockout किया। Knockout तब माना जाता है जब कोई खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी को मुक्के से मारकर इस स्थिति में ला दे जब उसके पैर को छोड़कर शरीर का कोई भी हिस्सा कैनवस को छूए। ऐसे में रेफ्री 10 तक गिनता है और अगर तबतक खिलाड़ी नहीं उठ पाया तो वह नॉकआउट हो जाता है।
सन् 1984 से अली को पार्किंसन की बीमारी थी। सांस-संबंधित परेशानियों के कारण आज उनकी मौत हो गयी। मोहम्मद अली सिर्फ़ अच्छे मुक्केबाज़ ही नहीं, एक सक्रीय राजनीतिक-सामाजिक व्यक्ति भी थे। वे पिछली सदी के महानतम खिलाड़ी थे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।
आइए देखें मोहम्मद अली के 10 बेहतरीन नॉकआउट्स।
https://www.youtube.com/watch?v=C_fEIVwjrew