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कहते हैं कि लाइट, पानी, हवा और टैलेंट... अपनी जगह पाने पर निकल ही आता है। ये न तो गरीबी देखता है और न ही अमीरी... अगर मन में हौसला हो और पूरी लगन से मेहनत की जाए तो रास्ते अपने आप बनने लग जाते हैं। दिल्ली में रहने वाले निसार अहमद की कहानी कुछ ऐसी ही है। इनके पिता रिक्शा चलाते है और मां साफ सफाई का काम करती हैं लेकिन निसार अपनी मेहनत से अपने चमकते भविष्य का रास्ता खुद बना रहे हैं। इन्हें हिंदुस्तान का उसैन बोल्ट कहा जाने लगा है।
निसार अहमद को हिंदुस्तान का एथलीट यूं ही नहीं कहा जाता है। इनके रिकॉर्ड ही कुछ इस तरह के हैं। 100 मीटर की रेस निसार ने 11 सेकेंड में पूरी कर ली। 200 मीटर की दौड़ निसार ने 22.08 सेकेंड में पूरी कर ली। अपनी कैटेगरी में नेशनल लेवल पर इन दोनों रेंज में निसार रिकॉर्ड होल्डर हैं, उसैन बोल्ट को ग्रह का सबसे तेज धावक माना जाता था, 200 मीटर में बोल्ट का रिकॉर्ड 20.61 सेकेंड का है।
दिल्ली के आजादपुर के पास बड़ाबाग झुग्गी में रहने वाले निसार बेहद सामान्य परिवार से आते हैं। पिता मोहम्मद हक रिक्शा चलाते हैं और मां शफीकुल निशां घरों में जाकर साफ सफाई का काम करती हैं। निसार ने अपना पहला कदम जब ट्रैक पर रखा तो न उसके पास ट्रेनिंग था और न ही ट्रैक लायक जूते। सिर्फ अपने जुनून के सहारे निसार ऐसे भागे कि दिखने वालों की आंखें खुली की खुली रह गई। रफ्तार के इस सौदागर ने हाल ही में दिल्ली स्टेट एथलेटिक्स मीट में दो गोल्ड मेडल झटके, उनके इस टैलेंट को देखते हुए केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने निसार को 11 हजार रुपये दिए ताकि वो अपने लिए स्पाइक्स शूज खरीद सकें।