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पिछले कुछ दिनों से घाटी में सारी सोशल मीडिया साइट्स को बैन कर दिया गया है। वहां पर लोग फेसबुक और व्हाट्सएप इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। आपको नहीं लगता है कि कुछ चंद लोगों की वजह से बाकी सभी लोगों को पूरी दुनिया से काट देना गलत है? खैर सरकार के इसके पीछे अपने तर्क हैं लेकिन सोचिए अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हो तो आप क्या करेंगे? अपने दोस्तों से शिकायत करने के लिए और इस बारे में चर्चा करने के लिए भी आपके पास कोई प्लैटफॉर्म नहीं रहेगा।
कश्मीर के एक लड़के ने अपनी समस्या का समाधान खुद ही कर लिया है। उसने कश्मीर के लोगों के लिए खासतौर पर एक सोशल नेटवर्किंग साईट तैयार की है जिसका नाम है काशबुक। एक नजर में देखने पर यह आपको कुछ-कुछ फेसबुक की तरह ही लगेगा। यह लड़का सिर्फ 16 साल का है और अनंतनाग का रहने वाला है।
यह शानदार काम कर दिखाया है जेयान शफीक ने, इन्होंने कुछ ही दिनों पहले अपनी दसवीं के एग्जाम दिए हैं। जयान को पिछले काफी समय से कोडिंग में बहुत रुचि थी। इनके पिता भी पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। काशबुक 2013 में ही बनकर तैयार हो चुका था। लेकिन उस समय इसका कोई काम नहीं था इस वजह से यह मशहूर नहीं हुआ, लेकिन हाल ही में फेसबुक पर लगे बैन की वजह से इसकी जरूरत एक बार फिर बढ़ गई है।
जयान बताते हैं कि उन्हें तब बड़ी हैरानी हुई जब उन्हें अचानक ही एक ईमेल आया कि लोगों को काशबुक पर कुछ दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने यह नहीं सोचा था कि लोग अभी भी इस वेबसाईट का प्रयोग कर रहे होंगे। इसके बाद जयान और उनके दोस्त उजैर ने मिलकर एक बार फिर इसपर काम करना शुरू किया।
काशबुक की वेबसाइट भी है और साथ ही साथ इसका ऐप भी मौजूद है। वो बताते हैं कि जब से उन्होंने इस वेबसाईट को दुबारा लॉन्च किया, तभी से यूजर्स की संख्या काफी बढ़ गई। जयान कहते हैं जल्द ही इसे एप्पल के लिए भी तैयार कर दिया जाएगा। अभी कुछ दिनों पहले ही इसके कुछ 130 यूजर थे जो दो दिनों में ही बढ़कर 1500 हो गए।
जयां कहते हैं कि अपने ऐप की लोकप्रियता के बावजूद वो कश्मीर में सोशल मीडिया पर लगे बैन का बहुत विरोध करते हैं। वो कहते हैं कि ऐसा करके सरकार उन्हें पूरी दुनिया से काट देना चाहती है। यही वजह है कि वो अपने इस ऐप की मदद से कश्मीरियों को एक दूसरे के साथ जुड़े रहने में मदद कर रहे हैं। जयान बताते हैं कि पिछले एक हफ्ते से वो सो भी नहीं पा रहे हैं। वो लगातार इस वेबसाइट से जुड़ी दिक्कतों को कम करने पर काम कर रहे हैं। वो कहते हैं कि अगर घाटी से बाहर के लोग भी इसे जॉइन करते हैं तो उन्हें काफी खुशी होगी। अगर आप लोग फेसबुक से बोर हो गए हों या अपने रिश्तेदारों के बेवक्त हाय-हेल्लो से बचना चाहते हों तो आप भी इसे जॉइन कर सकते हैं।