Home Fun Farmer S Son Achieved Achievement Sanjay Singh Will Be Army Officer

किसान के बेटे ने पाया मुकाम, पढ़िए जज्बे और जोश की ये खास दास्तां

टीम फिरकी, नई दिल्ली Updated Mon, 03 Dec 2018 06:05 PM IST
विज्ञापन
Farmer's son Achieved achievement, sanjay singh will be army officer
विज्ञापन

विस्तार

कहते हैं विश्वास और लगन सफलता का दूसरा नाम होता है। जल सेना में बतौर सैनिक भर्ती हुए संजय सिंह के पिता का सीना आज चौड़ा हो गया है क्योंकि उनके बेटे संजय ने सपनों को उड़ान देने के लिए जिंदगी की तमाम चुनौतियों को मात दे दी है।

रजत पदक प्राप्त कैथल हरियाणा के संजय सिंह के पिता रामफल किसान हैं। संजय 2008 में नौसेना में भर्ती जरूर हुए, लेकिन ख्वाहिश अफसर बनने की थी। मन में संकल्प लिया और कदम मंजिल की ओर बढ़ा दिए। उनकी सात साल पहले शादी हो चुकी है और तीन बच्चे भी हैं। पत्नी किरण ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया जो अभी पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं। छोटा भाई भरत भी पीजी कर रहा है।
 
संजय ने विभागीय परीक्षा दी और उनका चयन आर्मी कैडेट कॉलेज में हो गया। बीते शुक्रवार को वे न सिर्फ पासआउट हुए बल्कि चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ श्रेणी के सिल्वर मेडल से भी उन्हें नवाजा गया। मूल रूप से हरियाणा के कैथल निवासी संजय सिंह ने बताया कि वे साढ़े सात साल पहले जल सेना में भर्ती हुए थे। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को कभी सपने छोटे नहीं देखने चाहिए। यदि वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करते हैं एक न एक दिन कामयाब जरूर होते हैं। 

भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में आर्मी कैडेट कॉलेज (एसीसी) की ग्रेजुएशन सेरेमनी में कैडेट्स ने अपनी मेधा का दम दिखाया। इस अवसर पर विंग कैडेट कैप्टन जितेंद्र चाहर को गोल्ड मेडल सहित कई अवॉर्ड दिए गए। कॉलेज के 112वें कोर्स से पासआउट होने वाले 37 कैडेट्स को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की डिग्री दी गई। अब ये कैडेट एक साल तक अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।

शुक्रवार को आईएमए के चेटवुड हॉल में प्रभारी कमांडेंट मेजर जनरल जेएस नेहरा ने एसीसी के 112वें कोर्स के 37 कैडेट्स को स्नातक की उपाधि दी। उन्होंने कैडेट्स को कई अवार्ड से नवाजा गया। इनमें 17 को विज्ञान संकाय और 20 को ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम की डिग्री दी गई।

कॉलेज से पासआउट यह कैडेट्स अब आईएमए में एक साल का प्रशिक्षण हासिल करेंगे। इसके बाद अगले साल आईएमए से पासआउट होंगे। आईएमए प्रभारी कमांडेंट ने अफसर बनने जा रहे इन कैडेट्स को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर एसीसी के विंग कैडेट कैप्टन जितेंद्र चाहर को गोल्ड मैडल दिया गया। सेरेमनी में कारगिल कंपनी को कमांडेंट बैनर से नवाजा गया। इस कोर्स में उत्तराखंड के पांच कैडेट्स भी पास हुए।

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree