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पिता किसान हैं, दिन-रात खेतों में ट्रैक्टर चलाते-चलाते पेट दर्द की समस्या हो गई, डॉक्टरों ने आराम के लिए कहा, लेकिन हालात ऐसे नहीं थे कि पिता जी घर पर आराम करते। इसलिए ट्रैक्टर चलाने वाला रिमोट बना दिया।
राजस्थान के बारां जिले के बमोरी गांव के बीएससी प्रथम वर्ष के छात्र योगेश नागर ने वो कर दिखाया जिसके बारे में किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। 'आवश्यकता अविष्कार की जननी है' वाली बात योगेश के सामने भी आकर खड़ी हो गई थी। योगेश के पिता ने 2004 में उसके मामा जी की जमीन गिरवी रखकर ट्रैक्टर लोन पर लिया था और उसका पैसा चुकाने के लिए खेतों में ट्रैक्टर चलाते थे। वह करीब 30 वर्षों से यह काम कर रहे थे। खेतों की ऊबड़-खाबड़ मिट्टी पर दिन-रात टैक्टर चलाने से पेट की समस्या हो गई। पेट दर्द बढ़ता गया तो डॉक्टर से सलाह ली गई। आराम करने की फुरसत पिता को थी नहीं, इसलिए लड़के ने उपाय खोजना शुरू कर दिया।
योगेश ने दो दिन तक ट्रैक्टर को जांचा-परखा और अपनी रिसर्च में लग गए। उन्हें कुछ पैसों की जरूरत थी। योगेश ने ट्रैक्टर के रिमोट का मॉडल तैयार किया और पिता को दिखाया। रिमोट बनाने में करीब 50 हजार रुपये की जरूरत थी। पिता जी ने इतने रुपये देने में असहज थे, लेकिन लड़के के हौसले के आगे हिम्मत बांध ली और रुपये दे दिए।
...और फिर जब योगेश ने बिना ड्राइवर के ट्रैक्टर को रिमोट की मदद से खेत में ट्रैक्टर दौड़ाया तो सब यह देखकर सन्न थे।
योगेश ने रिमोट का डिजाइन भी इस तरह से तैयार किया कि उसमें ट्रैक्टर की तरह ही एक स्टेयरिंग, ब्रेक, क्लच और गियर बनाया। ताकि किसान को ट्रैक्टर चलाने में आसानी रहे। योगेश ने इसी साल जून में पिता तो रिमोट का सैम्पल दिखाया था और दो महीने में ही अविष्कार को साकार कर दिया।
रिमोट में सैटेलाइट से ट्रैक्टर जोड़ा गया है और करीब डेढ़ किलोमीटर की रेंज में तक उसे चलाया जा सकता है। यानी खेत के किसी आरामदायक कोने में बैठकर किसान ट्रैक्टर से जुताई कर सकता है।
योगेश के बनाए रिमोट चलते हुए ट्रैक्टर की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो आस-पड़ोस के किसानों की उनके घर लाइन लग गई। किसान रिमोट के लिए एक लाख रुपये तक खर्च करने को तैयार थे। योगेश के पास 50-60 रिमोट बनाने के ऑफर आ चुके हैं। योगेश कहते हैं कि थोड़ी और रिसर्च के बाद ट्रैक्टर का रिमोट करीब 30 हजार रुपये की खर्च में बनाया जा सकेगा।
19 वर्ष की योगेश जब 7वीं कक्षा के विद्यार्थी थे, तभी से अविष्कार कर रहे हैं और अब तक वह करीब 30 अविष्कार कर चुके हैं। उन्होंने एक ऐसा उपकरण बनाया जिससे घर में बैठकर ही खेत का ट्यूब-वेल चलाया जा सकता है। उन्होंने एंटी थेप्ट मशीन भी बनाई है। वह खेतों से ही अपने घर के सारे बिजली के उपकर बंद और चालू कर सकते हैं। योगेश फिलहाल सेना के लिए एक ऐसा वाहन बनाने की कोशिश में लगे हैं जो आंधी-तूफान और अंधेरे में कहीं भी बैठकर चलाया जा सके।
योगेश जैसे होनहार युवा छात्रों को अगर सरकारी मदद मिले तो न जाने क्या से क्या महान अविष्कार कर डालें। आप क्या कहते हैं?
सोर्स-
योरस्टोरी