सुशील बाबू हैं वकील आदमी। तो हो सकता है गूगल के पास कुछ सीखने या फिर कोई केस पढ़ने जानने के चक्कर में पहुंचे होंगे। सर्च किये "world's top 10 criminals image"। इतना लिखना और इंटर मारना। सामने पूरा स्क्रीन फोटो से भर गया। जैसे हमारा भी भरा। ये रहा देख लीजए..
अब जैसे ही ये सब दिखा उनका दिमाग फिर गया। चले गए पुलिस स्टेशन। बोले एक केस करना है। लेकिन पुलिस वाले बोले ऐसे केस नहीं होगा। मिश्रा जी पुलिस वालों को ये भी बताए कि ये सब ठीक नहीं है। हम गूगल कम्पनी के हेड क्वार्टर को भी चिट्ठी लिखे हैं। लेकिन कुछ बदल नहीं रहा है। जब पुलिस स्टेशन में काम नहीं बना, गए सीजेएम कोर्ट में। वहां भी नवम्बर 2015 में केस कैंसिल हो गया। लेकिन वकील साहब का मन कहां मानना था। पहुचं गए डिस्ट्रिक्ट जज के पास। वहां रिवीज़न एप्लीकेशन मान लिया गया। और इसी सोमवार को गूगल को नोटिस जारी हो गया।
पिछले साल सोशल मीडिया पर एक ख़बर खूब चर्चा में रही थी। जून के महीने में इस ख़बर ने काफी तूल पकड़ा था। ख़बर थी कि गूगल बाबा प्रसाद बांटते-बांटते अब क्रिमिनल लिस्ट भी तैयार कर दे रहे हैं। भैया क्या पुलिस वालन को तेल लगाने के लिए रखे हैं। जब यो काम भी तुम ही कल्लोगे ।
अब यहीं हिरोगिरी के चक्कर में इनके सर्च इंजन में दुनिया के 10 सबसे टॉप के जो क्रिमिनल हुए हैं उनका फोटो सर्च हुआ। सर्च हुआ तो इसमें भारत के वर्तमान और तात्कालिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की तस्वीर भी आ गई। वो भी किसके साथ! अगल-बगल में दाउद इब्राहिम, ओसामा बिन लादेन, अईमान अल ज़वाहिरी, हाफ़िज़ सईद जैसे लोगों की तस्वीर।इसके बाद लगे गूगल बाबू अपना ज्ञान देने।
"नहीं ऐसे नहीं ऐसे हो गया, हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है। ये हमारे एल्गोरिदम का डिजाईन ऐसा है जिस वजह से ऐसा हो रहा है। जरूरी नहीं कि ऐसा मोदी जी को क्रिमिनल बताने के लिए आ रहा हो। हो सकता है, ये सब कुछ दूसरे लोगों पर किये गए कमेंट की वजह से भी आ रहा हो। और जो कीवर्ड है वो ऐसा रिजल्ट रिफ्लेक्ट कर रहा हो।"
तो ये जो ऊपर स्टेटमेंट आपने पढ़ा। अगर HT के रिपोर्ट की मानें तो ये बात उन्होंने पिछले साल कही थी। और इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसी ही बात की है। साथ ही इस सर्च के टॉप पर ऐसा कुछ लिखा भी आता है...
अच्छा इन सब के बीच सबसे मजेदार बात ये है कि 2015 में ये टॉप सर्च में जहां मुश्किल से 2 तस्वीरें दिखती थीं आज वहां 5 तस्वीरें दिखती हैं।