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अगर तुमने बात नहीं मानी तो पुलिस वाले अंकल तुम्हें अपने साथ ले जाएगें। ऐसा कह कर नन्हे-मुन्नों को डराने वाले मम्मी पापा अब कोई और बहाना ढूंढ लें। अब बच्चे पुलिस और पुलिसवाले अंकल से नहीं डरेंगे।
क्योंकि पुलिस वाले सारे अंकल नौनिहालों के मन से अपना डर हटाने की जुगत में लग गए हैं। पुलिस अंकल बच्चों को ये बताने में सफल भी रहे कि वे बच्चों को उठा कर नहीं ले जाते, बल्कि वो प्यारे-प्यारे बच्चों के अंकल हैं।
दिल्ली के मालवीय नगर पुलिस स्टेशन में शुक्रवार को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। पुलिस स्टेशन में चारों ओर छोटे-छोटे नन्हे मुन्ने घूमते नजर आए। कल तक ड्रैकुला लगने वाले पुलिस वाले सारे अंकल बच्चों के सामने अपनी छवि सुधारने में जुटे रहे।
अपनी छवि नौनिहालों की नजर में सुधारने के लिए मालवीय नगर थाने के आस पास के कई स्कूलों के बच्चों को थाने बुलाया। थाने में बच्चे आए तो डरते डरते, लेकिन चंद मिनटो में ही उन्होंने थानेदार सतेंदर सांगवान की न केवल की कुर्सी पर कब्जा कर लिया, साथ ही उनकी पुलिस हैट सिर से मांग अपने सिर की शोभा बढाई।
बच्चों की पुलिस को जानने की कहानी शुरू हुई इस बात से जब एक बच्चे ने अपनी टीचर से पूछा कि ये पुलिस क्या होता है? मैडम भी समझ गईं कि आज के बच्चे हैं मानेंगे नहीं, पहुंच गईं बीट कांस्टेबल के पास और बताया कि बच्चे पुलिस को जानना चाहते हैं। बीट कांस्टेबल ने बच्चों की बात थानेदार सतेंदर तक पहुंचाई।
थानेदार साहब ने भी बच्चों को पुलिस स्टेशन आने का निमंत्रण भेज दिया। कल तक जो बच्चे पुलिस वालों से डरते छुपते घूमते नजर आते थे, अब पुलिस स्टेशन में एक कमरे से दूसरे कमरे और एक पुलिस अंकल से दूसरे पुलिस अंकल की कुर्सी पर कब्जा जमाते नजर आए।
थाने में बच्चों के पहुंचने की जानकारी एडीसीपी चिनमय बिस्वाल ने ट्वीट कर के दी। जब बच्चे थाने से अपने अपने घरों को निकले तो उन्हें सारे पुलिस वाले अंकल ने कुछ तोहफा भी दिया। तो छोटा बच्चा जान कर बच्चों को न डराना रे...