दीपाली अग्रवाल, टीम फिरकी, नई दिल्ली
Updated Tue, 02 Jan 2018 03:35 PM IST
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एक बोतल तेजाब, इंसान की पूरी जिंदगी को तहस नहस कर देता है। तेजाब की छींटें सिर्फ इंसानी चमड़ी को नहीं जलाती है, बल्कि इस आग में एक पूरा परिवार झुलस जाता है, जल जाते हैं चमकती आंखों के सपने और साथ ही एक भविष्य भी तेजाब के पानी के साथ बह जाता है। तेजाब से जली इंसान की स्किन को तो मेडिकल ठीक कर सकता है लेकिन जली हुई ख्वाहिशों को जिंदा करने के लिए नेकदिल इंसान की जरूरत होती है।
लखनऊ में प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टर विवेक सक्सेना ऐसी ही झुलसी हुई जिंदगियों के लिए संजीवनी की तरह काम करते हैं। डॉक्टर विवेक न सिर्फ एसिड अटैक पीड़ितों का इलाज करते हैं बल्कि उनकी जिन्दगी को पटरी पर वापस लाने की भी हर संभव कोशिश करते हैं। । डॉ सक्सेना तेजाब पीड़ितों का मुफ्त इलाज करते हैं और उनकी प्लास्टिक सर्जरी कर उनका आत्मविश्वास वापस लौटाते हैं ।
डॉ विवेक का कहना है कि उनके पिताजी भी एक डॉक्टर थे और उनके एक संबंधी की मौत पैसों की कमी के कारण हो गई थी । इस घटना ने डॉक्टर विवेक को एक नई दिशा दी और उन्होंने पीड़ितों का मुफ्त इलाज शुरू कर दिया । वह अब तक कई तेजाब पीड़ितों का इलाज कर चुके हैं । साथ ही वह लेप्रोजी, कैंसर मरीज और दृष्टिबाधित लोगों का भी मुफ्त इलाज करते हैं । डॉ विवेक अपने पेशे की सार्थकता को सिद्ध करते हुए एक मसीहा बन गए हैं ।