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आज एक राजा से मेरी फोन पर बात हुई। फोन किसी किसी मंत्री ने नहीं बल्कि सीधे महाराज ने ही उठाया। ये महाराज इतने सरल स्वाभाव के हैं कि इनका मोबाइल नंबर मैंने फेसबुक के चैट बॉक्स में इनसे ही मांगा था। राजा-महाराजों से बात करने का अलग ही लुत्फ है क्यों कि वे हमारे यहां हर किसी के बचपन की कहानियों-लोरियों का हिस्सा होते हैं। सच पूछिये तो बचपन के सपनों का सबसे ज्यादा स्पेस भी इन्हीं राजा और उनकी फैमिली ने घेरा होता है। वैसे भी राजा होने का मतलब हिंदुस्तान से ज्यादा कौन जानता होगा, सरदार पटेल ने 566 रियासतों को समेटकर भारत बनाया था।
राजाओं का काम राजपाट तो होता ही था, लेकिन राज्य का विस्तार भी करना उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती होती थी। इसके लिए युद्ध लड़े जाते थे। लेकिन
जिन महाराज से हमारी फोन पर बात हुई, उन्हें राजा बनने के लिए भाले, बरछी, तलवारों और तोप से जंग नहीं लड़नी पड़ी और न ही किसी देश से संधि करनी पड़ी। शायद ही इतने आराम और इत्मिनान से दुनिया में किसी राजा ने अपनी बादशाहत कायम की हो।
महाराज सुयश दीक्षित की यह दिलचस्प कहानी आपके मन में भी लालच और जलन का बीज बो सकती है। बात ही कुछ ऐसी है। महाराज सुयश दीक्षित अभी हाल ही नए-नए राजा जो बने हैं। ...और जिस तरीके से उनका राजतिलक हुआ है, वह बड़ा ही स्मार्ट तरीका है। कोई भी कर सकता था। था... मतलब आप चूक गए!
मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले सुयश दीक्षित हाल ही में ऑफिशियल ट्रिप पर इजिप्ट गए हुए थे। इजिप्ट और सूडान के बीच में करीब 800 स्क्वॉयर मील की एक जगह ऐसी है जिस पर कोई भी देश दावा नहीं करता है। इसे बीर तवील कहते हैं। वहां कोई नहीं रहता है। यह रेगिस्तान और बंजर इलाका है। सुयश ने इस जगह के बारे में पढ़ रखा था और पर्याप्त जानकारी जुटा रखी थी। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी नोमेंस लैंड पर जाकर आप दावा करते हैं तो वह जगह आपकी हो जाती है। सुयश ने भी यही किया। उस जगह पर जाकर अपना झंडा गाड़ा। जमीन में बीज रोपा और खुद को उस जगह का राजा घोषित कर दिया। जगह का नाम रखा किंगडम ऑफ दीक्षित, जिसकी राजधानी है सुयशपुर।
सुयश ने इस काम को पूरी प्लानिंग के तहत किया। यह इलाका खतरनाक माना जाता है, क्योंकि आसपास इलाकों में आतंकियों के ठिकाने हैं। सुयश ने फोन पर बताया कि अगर वह अपने घरवालों को बताकर ऐसी जगह जाते तो वे कभी इजाजत नहीं देते। लेकिन उन्होंने अपने भाई को इसके बारे में बताया और वहां जाने की प्लानिंग की। सुयश बताते हैं कि वहां जाने के लिए उन्हें इजिप्ट की पुलिस से इजाजत लेनी पड़ी। पुलिस ने बड़ी मिन्नतों के बाद इजाजत दी। सुयश ने पुलिस को बताया था कि वह इंडिया से आए हैं और बस उस इलाके में जाकर घूमना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने एक कार को हायर किया और उनके साथ ड्राइवर मुस्तफा गया। सुयश को पुलिस ने शर्तों के साथ उस इलाके में जाने दिया। पहली शर्त ये कि वह सूरज ढलने से पहले ही लौट आएंगे और दूसरी ये कि गाड़ी की हेडलाइट नहीं जलाएंगे और तीसरी- सैन्य ठिकाने की तस्वीर नहीं लेंगे।
सुयश ने उस जगह पर जाने और वहां से आने में करीब 319 किलोमीटर की यात्रा की। यह यात्रा बड़ी रिस्की थी, क्यों कि आतंकी गतिविधियों के कारण मिलिट्री को सीधे गोली चलाने के आदेश हैं। सुयश बताते हैं कि इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए करीब दो दिन प्लानिंग की थी। वह यह भी कहते हैं कि उनसे पहले भी लोग उस जगह पर जाकर दावा ठोंक चुके हैं, लेकिन उनका दावा इसलिए माना जाना चाहिए क्यों कि उन्होंने नोमेंस लैंड पर क्लेम करने का ऑफिशियल तरीका अपनाया है, वहां बीज रोपा है। सुयश के मुताबिक इस जगह के बारे में उनकी दिलचस्पी इसलिए भी बढ़ी, क्योंकि यहां बसने की संभावनाएं मौजूद हैं।
सुयश ने इस काम को अंजाम देने पहले ही अपने राज्य की ऑफिशियल वेबसाइट भी बना ली थी, जिस पर तस्वीरें अपलोड करनी भर थीं। सुयश के मुताबिक पांच नवंबर को उन्होंने अपना राज्य 'किंगडम ऑफ दीक्षित' बनाया और जिसके वह राजा है। सुयश ने अपने पिता सुयोग दीक्षित को यहां का प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सेना प्रमुख घोषित कर यह राज्य उन्हें बतौर बर्थडे गिफ्ट दिया है। उन्होंने इस राज्य का राष्ट्रीय पशु छिपकली को बनाया है, क्योंकि इसके अलावा उन्हें वहां दूसरा कोई जानवर नहीं दिखा।
इस जगह पर दावा करने के साथ ही सुयश संयुक्त राष्ट्र को पत्र भी लिख चुके हैं और अब उन्हें वहां से जवाब आने का इंतजार है।
महाराज सुयश की वेबसाइट का पता https://kingdomofdixit.gov.best/ है। इस पर लॉगिन करके इच्छुक लोग यहां की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। मंगलवार तक पांच लोग नागरिकता के लिए आवेदन कर चुके थे। नए राज्य के नियम और कानून बनाने के लिए भी महाराज सुयश को दोस्तों और लोगों से ढेरों सुझाव आ रहे हैं। कोई इसे बिना धर्म और जात-पात का देश बनाने के लिए कह रहा है तो कोई वहां भारतीय मुद्रा लागू रखने का नियम चाहता है ताकि वहां जाने पर उसे करेंसी एक्सचेंज न करवानी पड़े। आपका भी कोई सुझाव हो तो हमारे कमेंट्स बॉक्स में जरूर दें।
कुलमिलाकर एक बात पक्की है बॉस... चूंकि देश एकदम नया फ्रेश है तो यहां रोजगार, व्यापार और नौकरियों की संभावनाएं ही संभावनाएं हैं।