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कैलाश सत्यार्थी का नाम आप सभी जानते होंगे। ये एक चाइल्ड राइट्स एक्टिविस्ट हैं और इन्हें 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार मिला था। उसी साल इनके साथ मलाल युसुफजई को भी ये पुरस्कार मिला था। असल में हुआ ये था कि कैलाश सत्यार्थी के घर से इस मैडल का साइटेशन चोरी हो गया था।
कैलाश दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी इलाके में रहते हैं। कुछ दिनों पहले इस घर में चोरी हो गई और नोबेल प्राइज के साइटेशन सहित कई चीज़ें चोरी हो गई थीं। पुलिस को ये सामान मिल गया है। लेकिन नोबेल प्राइज का साइटेशन पुलिस को बेहद अजीब जगह पर मिला है।
पुलिस को मैडल की ये नक़ल एक जंगल से मिली है। अभी कुछ समय पहले ही इस चोरी के संबंध में कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया गया था जिसके बाद उन चार लोगों ने पुलिस को बताया कि वो मैडल कहां हो सकता है। इन लोगों से बाकी सारा सामान तो बरामद हो गया था लेकिन नोबेल मैडल की नक़ल नहीं मिल रही थी।
पुलिस ने डॉग स्क्वाड के साथ 2 दिनों तक छानबीन की जिसके बाद दिल्ली के संगम विहार इलाके के पास के जंगलों से ये नक़ल बेहद बुरी हालत में मिल गई। चोरों ने इसे कागज़ का टुकड़ा समझ कर फेंक दिया होगा। कैलाश सत्यार्थी ने असली मैडल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भेंट में दे दिया था और वो राष्ट्रपति भवन में सुरक्षित रखा हुआ है।
किसने सोचा होगा कि नोबेल प्राइज सी कीमती चीज़ एक जंगल से बुरी हालात में मिलेगी।