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आमतौर पर किसी व्यक्ति की मौत होने के कुछ समय बाद ही उसका शव खराब होने लगता है और इसे देर तक रखना काफी मुश्किल होता है। लेकिन दुनिया में कुछ लोगों की ऐसी भी डेड बॉडीज हैं, जो सदियां गुजरने के बाद भी आज सुरक्षित हालत में हैं। कुछ तो बिना उपाय के सुरक्षित बनी रहीं, तो कुछ के लिए उपाय भी करने पड़े। लेकिन इन बॉडीज के बारे में जानकर लोगों को अजीबोगरीब लगता है कि लंबा वक्त गुजरने के बाद भी ये सुरक्षित बनी हुई हैं। आप यहां दुनिया की कुछ ऐसी ही डेड बॉडीज के बारे में जानेंगे।
इटली के लुक्का कस्बे के बैसिलिका डि सैन फ्रेडिआनो में सेंट जीटा की बॉडी रखी गई है। वह एक कैथोलिक संत थीं और जरूरतमंदों की देखभाल करती थीं। लोगों ने दावा किया कि 1272 में जब सेंट जीटा की मौत हुई थी तो उनके घर के ऊपर एक तारा (स्टार) दिखाई दिया था। 1580 में उनकी बॉडी को खोदकर निकाला गया तो यह सुरक्षित हालत में मिली। जीटा को1696 में संत घोषित किया गया था।
1846 में अंग्रेज ऑफिसर जॉन टोरिंगटन नॉर्थवेस्ट पैसेज की खोज के अभियान में लगे थे। इस दौरान उनकी मौत हो गई। उस समय उनकी उम्र 22 साल की थी। मौत के बाद उनकी इस बॉडी को कनाडा में आर्कटिक के बैरन टुंड्रा में दफना दिया गया था। 1984 में टोरिंगटन की कब्र को शिफ्ट करने के लिए खोदा गया तो सभी लोग हैरान रह गए। टोरिंगटन की डेड बॉडी तक ज्यों की त्यों रखी हुई थी। इस बारे में उस समय मीडया में काफी खबरें भी पब्लिश हुई थीं।
दक्षिणी अमेरिका में यूरोपियन लोगों के पहुंचने से पूर्व एंडीज पर्वत की एक ऊंची जगह पर इंका महिला की बलि दी गई थी। पहाड़ के वातावरण में महिला का शरीर सुरक्षित बना रहा। करीब 500 साल बाद ला डोंसेला की बॉडी बर्फ में जमी हुई मिली।
डोरजहो इटिगिलोव एक बुरयत बौद्ध भिक्षु थे। 1927 में मेडिटेशन करते हुए उनकी मौत हुई थी। उनकी डेड बॉडी को ठीक इसी पोजिशन में जमीन में समाधि दी गई थी। 1955 में इटिगिलोव के अनुयायियों ने उनकी समाधि स्थल को खोला तो बॉडी ध्यान करने की पोजिशन में ज्यों की त्यों थी। यह देखकर लोग हैरान हो गए। इसके बाद इस बॉडी को इटिगेल खाम्बयन पैलेस टेम्पल में रखवा दिया गया।
यह दुनिया की सबसे संरक्षित ममीज में से एक है। लेडी जिन झुई हान राजवंश के एक राजनीतिज्ञ की पत्नी थीं। उनकी मौत 163 ईसा पूर्व हुई थी। 2000 साल बाद 1972 में जब लेडी जिन झुई के मकबरे को खोदा गया तो बॉडी बेहद सुरक्षित थी और नसों में ब्लड भी मौजूद था। वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया की उसकी मौत हार्ट की बीमारी से हुई होगी।
भारत में ओल्ड गोवा के ‘बेसिलिका ऑव बोम जीसस’ में रखा हुआ, संत फ्रांसिस जेवियर का मृत शरीर आज भी सामान्य अवस्था में रखा है। यह जानकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि यह शव विगत 460 वर्षों से बिना किसी लेप या मसाले के आज भी एकदम तरोताजा है।
डेनमार्क के जटलैंड पेनिनसुला में टोलुंड मैन की बॉडी काफी संरक्षित हालत में है। वैज्ञानिकों का मानना है कि टोलुंड मैन की मौत चौथी ईसापूर्व शताब्दी में हुई। यह बॉडी जिस तरह की मिट्टी में रखी हुई है, उसमें डेड बॉडी को लंबे समय तक सुरक्षित रखने का गुण है। यह डेड बॉडी लगभग 3359 से 3105 वर्ष ईसा पूर्व के बीच की है।