शुक्रवार दोपहर जम्मू कश्मीर पुलिस और इंडियन आर्मी के जवानों ने एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन श्रीनगर से 85 किमी दूर अनंतनाग के बमदुरा गांव में चलाया गया था। वहीं बुरहान वानी और उसके दो साथी मारे गए। बुरहान कश्मीर में आतंकवाद का नया पोस्टर बॉय माना जाता था। वह अभी सिर्फ़ 22 साल का था। लेकिन वो कश्मीर में हिजबुल मुजाहिद्दीन का कमांडर था।
ऐसा कहा जाता है कि इससे पहले कभी भी इस तरह कश्मीर में आतंकियों ने सोशल नेटवर्क पर अपनी कोई तस्वीर इस तरह खुले में जारी नहीं की। जबकि बुरहान अक्सर फेसबुक पर अपनी तस्वीरें और कुछ वीडियो पोस्ट करता रहता था। इससे वो कश्मीर के जो यूथ हैं, उन्हें अपने साथ आसानी से जोड़ पाता था। शुक्रवार शाम बुरहान के मारे जाने की खबर फैली। उसके बाद से ही साउथ कश्मीर में लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया। बहुत से लोग सड़कों पर आ गए। सड़क जाम कर दिया गया। कई जगह से लाउडस्पीकर से बुरहान के समर्थन में भी खूब नारेबाज़ी हुई और एंटी-इंडिया नारे भी लगाए गए। जिसके बाद से कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है। और अमरनाथ यात्रा पर भी फिलहाल रोक लगा दी गई है।बुरहान कश्मीर का मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी था। पिछले कुछ सालों में ऐसा पहली बार हुआ था। जब विदेशी आतंकवादियों से ज्यादा कश्मीर में लोकल मिलिटेंट हो गए थे।
सेप्रेटिस्ट लीडर सैय्यद अली गिलानी ने लोगों से कश्मीर बंद करने और वानी के अंतिम संस्कार में शामिल होने की अपील की थी। जिसके बाद से सभी सेप्रेटिस्ट लीडर हाउस अरेस्ट कर लिए गए हैं। मतलब घर के अंदर ही बंद कर दिया गया है।