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जाम अगर किसी जान का सबब बन जाए तो इस पर गंभीरता से विचार किया जाना जरूरी है। कई बार हम अखबारों में पढ़ते हैं, टीवी पर देखते भी हैं कि कई घंटों तक जाम में फंसी एंबुलेंस में मरीज की जान चली गई। इस पर विचार करने के लिए एक सिस्टम बनाया गया है लेकिन न तो विचार हुआ और न ही आजतक कोई नया आइडिया सामने आया। जाम में जान जाने की घटनाओं पर एक्शन लेते हुए मुंबई के एक संगठन ने पहल की है जोकि वाकई काबिले तारीफ है।
इस संगठन ने एक खास तरह की बाइक एंबुलेंस सर्विस शुरू की है। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए यह सर्विस 24 घंटे लोगों की सेवा के लिए मौजूद रहेगी। मुंबई के लोढ़ा फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट ने इस एंबुलेंस सेवा को 1 मई को जनता को समर्पित किया।
लोढ़ा फाउंडेशन के संस्थापक मंगल प्रभात लोढ़ा एक पार्टी से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने बताया कि जाम की समस्या को देखते हुए इस एंबुलेंस को तैयार कराया गया है। यह लोगों की सेवा में तैयार मिलेगी, इसके लिए लोगों से कोई फीस नहीं ली जाएगी।
इस बाइक एंबुलेंस में कार एंबुलेंस की तरह सभी सुविधाएं मौजूद हैं, मेडिकल किट के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और स्ट्रेचर की सुविधा भी दी गई है। इमरजेंसी स्थिति में डॉक्टर को भी बाइक पर बिठाया जा सकता है। इससे पहले पश्चिम बंगाल के करीमुल हक ने भी इसी तरह अपनी बाइक को एंबुलेंस में बदल लिया था। उन्होंने अपनी बाइक से कई जिंदगियों को बचाया है। सरकार ने उन्हें पद्मश्री से भी नवाजा था। हालांकि यह प्रयास यदि सरकार की तरफ से होते तो शायद ज्यादा लोगों तक इसका फायदा पहुंच पाता।