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अगर आपने मेहनत की है तो आपको मेहनत का फल जरूर मिलेगा। हो सकता है कि इसमें थोड़ी देर हो जाए लेकिन इसका फल मिलना तय है। निकेश अरोड़ा की कहानी कुछ ऐसी ही है। वह पहले भारतीय हैं जिनकी सालाना सैलेरी 857 करोड़ रुपये है, इतनी बड़ी राशि बतौर सैलेरी मिलने वालों में वो दुनिया में तीसरे नंबर पर आते हैं।
निकेश का जन्म गाजियाबाद में हुआ था और वह Palo Alto Network में सीईओ के पर नियुक्त हुए हैं। साइबर सिक्योरिटी की दुनिया में पालो आल्टो नेटवर्क एक जाना पहचाना नाम है। कंपनी ने निकेश को सालाना 128 बिलियन का पैकेज ऑफर किया है।
गाजियाबाद के रहने वाले निकेश के पिता वायुसेना में अधिकारी थे, दिल्ली से प्रारंभिक शिक्षा हुआ और फिर बीएचयू आईआईटी से इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियरिंग की। पढ़ाई के दौरान उनकी नौकरी विप्रो में लग गई थी। लेकिन उन्हें जो चाहिए था वो विप्रो की कुर्सी से मिलना मुश्किल लग रह था। लिहाजा नौकरी छोड़कर आगे की पढ़ाई के लिए अमेरिका चले गए। वहां उन्होंने बॉस्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए किया।
एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए निकेश ने बताया कि जब वो अमेरिका ने बॉस्टन यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रहे थे तो उन्हें पैसों की दिक्कत होती थी। वहां क्लास रात में चलती थी लिहाजा दिन में एक रेस्टोरेंट में जॉब कर ली जोकि बर्गर बेचा करता था।
1995 में निकेश ने बिजनेस एनालिस्ट की पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद उन्हें गूगल में नौकरी मिली, गूगल में वह 2004 से लेकर 2007 तक यूरोप ऑपरेशन हेड रहे। साल 2011 में निकेश गूगल के चीफ बिजनेस ऑफिसर बन गए और दुनिया में सबसे ज्यादा सैलेरी पाने वाले लोगों में शामिल हो गए।
2014 में निकेश ने गूगल छोड़कर सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्पोरेशन ज्वाइन कर लिया और अब पालो अल्टो नेटवर्क का हिस्सा बन गए।