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जेल, सिर्फ एक डरावना शब्द भर नहीं है, ये जीवन को नए सिरे से शुरू करने और खुद को सोचने का एक जरिया भी है। यहां हमेशा बुरी यादें ही नहीं होती कई बार यहां खुशियों के वो पल भी मिल जाते हैं जो कभी भूलाए न भूलें। कुछ ऐसा ही हुआ पाकिस्तान की जेल में बंद एक कैदी के साथ, जहां उसकी बेटी की शादी के लिए जेल प्रशासन ने तमाम नियमों की बंदिशों को तोड़ इंसानियत की एक बड़ी मिसाल कायम की।
आपने मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे, सामुदायिक भवन और बैंक्वेट हॉल में शादी तो खूब सुनी होंगी, सुनी क्या होंगी गए भी खूब होंगे, लेकिन अगर कोई जेल ही शादी का आंगन बन जाए तब। और वहां अपनी सजा पूरी कर रहे कैदी लड़की वाले बनकर खुशी में उसी तरह झूमे गाएं जिस तरह आम शादियों में होता है तब कैसा नजारा होगा?
सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन पाकिस्तान के कराची की मलिर जेल में कुछ दिनों पहले ऐसा ही नजारा था। जहां हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे मोहम्मद हाकिम ने जेल प्रबंधन से अपनी बेटी की शादी के लिए पैरोल की मांग की। लेकिन जेल प्रबंधन ने नियमों के चलते हाथ बंधे होने की बात कहकर उसे पैरोल देने से इंकार कर दिया। इससे मायूस होकर हाकिम फिर जेल में अपनी सजा की घड़ियां गिनने लगा।
हाकिम की मायूसी देख जेल प्रशासन ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए जेल की दीवारों को हाकिम की बेटी के लिए खोल दिया। जेल प्रशासन ने फैसला लिया कि उसका निकाह जेल परिसर में ही कराया जाएगा।