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बाबा रामदेव न केवल योगगुरु, बल्कि मार्केटिंग गुरु भी कहे जाते हैं। उन्होंने देसी के नाम पर हजारों करोड़ के टर्नओवर की कंपनी 'पतंजलि' खड़ी कर दी। पतजंलि की मार्केटिंग भी वह इतने धांसू तरीके से करते हैं कि हिंदुस्तान के लाखों जनमानस के मन में उनकी बात सीधे उतर जाती है। कई प्रोडक्ट के एड में खुद बाबा रामदेव नजर आते हैं। यही नहीं, पिछली बार सेल्स में अभूतपूर्व उछाल के चलते यानी 150 फीसदी की बढ़ोतरी को देखते हुए कंपनी ने 2016-17 के लिए 10 हजार करोड़ के टर्नओवर का लक्ष्य रखा था। लेकिन चंडीगढ़ के एक फौजी ने बाबा रामदेव की मार्केटिंग को अघोषित चुनौती दी है।
दरअसल, आर्मी के पूर्व रिटायर्ड कर्नल ने ऐसा रेस्टोरेंट खोला है जो पतंजलि का तो नहीं है, लेकिन उससे कम भी नहीं है। बात ही ऐसी है। लखनऊ में टुंडे कबाब पर आफत बरसी तो चंडीगढ़ में करेला कबाब शुरू हो गए! मैन्यू में लौकी कबाब भी हैं, हनी चिली पोटेटो, अजवाइन पनीर टिक्का वगैरह-वगैरह भी हैं। फिर आपको बता दें कि ये व्यंजन पतंजलि रेस्टोरेंट के नहीं हैं। लेकिन चंडीगढ़ के जीरकपुर इलाके की कलगीधर सोसायटी में 'पौष्टिक' नाम का रेस्टोरेंट बाबा रामदेव को मार्केटिंग की खुली चुनौती दे रहा है और खाने-पीने वालों के लिए हॉट टॉपिक बना हुआ है।
इसकी वजह रेस्टोरेंट का नाम है, एंट्री गेट पर लगा बोर्ड और उस पर बाबा रामदेव के देसी तरीके का इस्तेमाल है। यह इतनी उस्तादी से किया गया है कि मार्केटिंग भी हो गई और रेस्टोरेंट भी चल निकला। बोर्ड पर एक तरफ बाबा रामदेव और दूसरी तरफ आचार्य बालकृष्ण तस्वीरें लगी है। बड़े अक्षरों में तस्वीरों के साथ यह भी लिखा है कि ऑल पतंजलि प्रोडक्ट्स यूज्ड हेयर यानी यहां केवल पतंजलि उत्पाद प्रयोग में लाए जाते हैं। रेस्टोरेंट बमुश्किल एक हफ्ते पहले ही शुरू हुआ है।
भारतीयों में एक बात तो गजब की है कि खाते-पीते वक्त ज्यादा दिमाग नहीं खपाते। हुआ भी यही, लोगों ने रेस्टोरेंट को बाबा रामदेव का रेस्टोरेंट ही मान लिया और सोशल मीडिया पर प्रचार करना शुरू कर दिया।
जब तक बाबा के कानों तक खबर गई, समाज का एक बड़ा हिस्सा कर्नल साहब के रेस्टोरेंट पर पतंजलि रेस्टोरेंट का ठप्पा लगा चुका था। इसकी एक वजह रेस्टोरेंट का इंटीरियर भी बना। अंदर का माहौल में भारतीयता और देशभक्ति से जुड़ी रूपसज्जा का भी खयाल रखा गया। तिरंगे की पेंटिंग दीवार पर लगाई गई, कुर्सियां-मेज भी ऐसे कि जैसे किसी योग संस्थान में आप दाखिल हो गए हों।
सूत्रों के मुताबिक पतंजलि के प्रवक्ता एसके तिजारावाला ने कहा है कि वह अभी रेस्टोरेंट खोलने के बारे में सोच रहे हैं, लेकिन अब तक इस बारे में फैसला नहीं हुआ है।
उधर रेस्टोरेंट के मालिक पूर्व कर्नल अलोक शर्मा ने इंडिया टुडे को बताया कि वह रेस्टोरेंट में लाखों लोगों का भरोसा जीत चुके पतंजलि उत्पादों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने साफ किया कि रेस्टोरेंट पतंजलि का नहीं है लेकिन इच्छा जताई कि स्वामी जी का आशीर्वाद उन्हें मिले और भविष्य में बाबा उनकी यूनिट का उद्धाटन करें।
आपको बता दें कि बाबा रामदेव पिछले कई वर्षों से पतंजलि आयुर्वेद और फूड प्रोडक्ट्स के जरिए शाकाहार पसंद करने वाले लोगों की डिमांड पूरी कर रहे हैं। लोगों डिमांड को देखते हुए बाबा पतंजलि नूडल्स जैसे गरिष्ठ चाइनीज व्यंजनों को भी देसी अंदाज में लाए। शायद ही कोई अचार-मुरब्बा, शर्बत, ब्यूटी प्रोडक्ट छूटा हो जो उनकी कंपनी नहीं बना रही। पिछले दिनों टेक्सटाइल इंडस्ट्री की नींद भी बाबा ने यह कहकर उड़ा दी कि पतंजलि बाजार में जींस भी लाएगी। इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि भविष्य में पतंजलि रेस्टोरेंट की चेन दूसरे रेस्टोरेंट्स को टक्कर देगी।