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कल रात जब आप सो रहे थे तब एक बहादुर पुलिसवाले ने मात्र एक गोली से देश की सबसे बड़ी डकैती रोक ली। 13-14 लुटेरे थे और वो बहादुर अकेला था। लेकिन उसके पास जुर्म के खिलाफ खड़े होने का हौसला था। हम कोई फिल्मी किस्सा नहीं सुना रहे। न ही ये कोई नई फिल्म की कहानी है। ये सच्ची घटना है उस राजस्थान की, जहां के लोगों की बहादुरी के किस्से इतिहास में दर्ज हैं।
खैर, मुद्दे की बात पर आते हैं। हुआ यूं कि यहां जयपुर में एक इलाका है, सी-स्कीम। इस इलाके में एक्सिस बैंक का मुख्य दफ्तर है। पूरे राजस्थान में जहां-जहां भी एक्सिस बैंक की ब्रांच हैं, सब जगह का पैसा यहीं रखा जाता है।
6 जनवरी की रात को यहां करीब 926 करोड़ रुपये जमा थे। बैंक की सुरक्षा के लिए कुल चार लोग तैनात थे। बैंक का गार्ड प्रमोद मेनगेट पर था. दो सिपाही रतिराम और मानसिंह रेस्टरूम में थे, जबकि एक सिपाही सीताराम बैंक के चक्कर लगा रहा था
रात को करीब अढाई बजे सीताराम को कुछ टूटने की आवाज आई। उसने देखा तो पाया कि कुछ हथियारबंद लोग मेनगेट फांदकर अंदर आ गए हैं। सभी ने अपने चेहरे ढक रखे हैं।
सीताराम बिजली की तेजी से उनके इरादे भांप गया और फिर उसने वो किया जो कि एक सिपाही का फर्ज है। सीताराम ने तुरंत गोली दाग दी। गोली की आवाज से अफरा-तफरी मची और बदमाश फरार हो गए। मौका पाते ही सीताराम ने कंट्रोल रूम में फोन किया। मिनटों में ही पुलिस फोर्स बैंक पहुंच गई।
इसके बाद जांच हुई तो पता चला कि कुल 13-14 लोग आए थे। जिनमें से आधा दर्जन के करीब हथियारों से लैस थे। इतना ही नहीं उन्होंने बैंक के गार्ड प्रमोद को बंदूक के बल पर बांध दिया था। अभी वो बैंक के लॉकर की ओर बढ़ रहे थे कि सीताराम ने फायरिंग कर दी। जिसकी वजह से बदमाश भागने को मजबूर हुए।