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कुछ कर गुजरने का जज्बा हो और हौसला बुलंद हो तो ऊंचे पहाड़ भी बौने पड़ जाते हैं। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेंट पर चढ़ाई कर 6 भारतीयों ने देश का नाम एक बार फिर रौशन किया है।
यह माउंट एवरेस्ट फतह करने वाला सीजन का पहला समूह था। ग्रुप में 6 भारतीय के अलावा 10 नेपाली शेरपा भी शामिल थे। 6 भारतीयों के हौसले और सफलता को देख देश गदगद है और ये अखबारों की सुर्खियां बन रहे हैं।
पर्वतारोही 8,848 मीटर ऊंची चोटी पर शनिवार की सुबह 8 बजकर 20 मिनट पर पहुंचे।
दल का सबसे आखिरी सदस्य 9.20 में चोटी पर पहुंचा। उत्तरी तिब्बती छोर से चोटी पर पहुंचे भारतीय दल में सुरेश बाबू, दुर्गा राव कुंजा, भरत थम्मीनेनी, कृष्णा राव वूयका, सत्य राव कारे और नागराजू सुंदराना शामिल थे।
दल के सदस्यों में सबसे पहले चोटी पर पहुंचने वाले सुंदराना आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के रहने वाले हैं और एक धावक हैं। सुंदराना के माता पिता मजदूरी करते हैं। सुंदराना के 20 मिनट बाद चोटी पर कदम रखने वाले सत्य राव के पिता मछुआरे हैं। दल में शामिल ज्यादातर पर्वतारोही आंध्रप्रदेश के हैं और निम्न आय वर्ग से आते हैं। लेकिन हौसलों के धनी इन लोगों ने देश का नाम रौशन किया है, जिसकी तारीफ होनी चाहिए।